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एग्रीटेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए ₹500 करोड़ का ‘एक्सेलेरेटर प्रोग्राम’ शुरू करेगी भारत सरकार

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Govt to start ₹500 Cr accelerator program for agritech startups: अगर बीतें कुछ सालों पर नजर डालें तो भारत के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में एग्रीटेक सेगमेंट तेजी से अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा है। देश और देश के बाहर के निवेशकों ने भी इस क्षेत्र की ओर रुचि दिखाई है।

ये इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि हमेशा से ही भारत की एक बड़ी आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित है। और कृषि उत्पादों की माँग की भी देश के भीतर कोई कमी नहीं है।

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लेकिन इन सबके बाद भी, मौजूदा हालातों को देखते हुए, अन्य क्षेत्रों की तरह ही एग्रीटेक स्टार्टअप्स भी फंडिंग आदि को लेकर संघर्ष कर रहें हैं। ऐसे में जरूरत है कि एग्रीटेक सेगमेंट में नए इनोवेशन व तकनीकों के जरिए क्रांतिकारी बदलाव ला सकने की संभावना रखने वाले तमाम शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को किसी ना किसी प्रकार से समर्थन प्रदान किया जाए, ताकि वह मौजूदा कथित ‘फंडिंग विंटर’ को पार कर, आगे की राह तय कर सकें।

₹500 Cr Accelerator Program for Agritech Startups

ऐसा लगता है कि अब भारत सरकार ने इस ओर ध्यान देने का मन बनाया है और इसी क्रम में अब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली में हो रहे ‘पीएम किसान सम्मान सम्मेलन’ के दौरान एक बड़ा ऐलान किया है।

केंद्रीय मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश में एग्रीटेक स्टार्टअप्स की सफल पहलों को आगे बढ़ाने व उन्हें मजबूती प्रदान करने के इरादे से ₹500 करोड़ का ‘एक्सेलेरेटर प्रोग्राम‘ शुरू किया जाएगा। बता दें इस सम्मेलन के दौरान बड़ी संख्या में एग्रीटेक स्टार्टअप्स के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

इस योजना के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे की रणनीति पर भी प्रकाश डाला और बताया कि सरकार कृषि (एग्री) स्टार्टअप्स के लिए समग्र मार्गदर्शन हेतु खुद कृषि मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय संचालन समिति का गठन भी करेगी।

भारत सरकार का इरादा कृषि सचिव की अध्यक्षता में एक ‘कार्यकारी समिति’ के गठन का भी है, जिसमें इस क्षेत्र से संबंधित तमाम एजेंसियों जैसे कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE), उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT), इनक्यूबेटर व भागीदार, कृषि विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थान, प्रमुख निवेशक आदि के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा।

दिलचस्प रूप से एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में अलग डिवीजन बनाने की बात भी कही गई है।

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अपनी योजना के तहत, सरकार कृषि क्षेत्र में सिंगल विंडो अवधारणा को भी समायोजित करने के प्रयास करती नजर आएगी। इसके तहत संबंधित प्रमाणन एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों के साथ-साथ एग्री स्टार्टअप्स के बीच लिंकेज की सुविधा के लिए ‘सिंगल विंडो एजेंसी’ के तौर पर एक सेल बनाया जा सकता है।

इतना ही नहीं बल्कि एग्रीटेक स्टार्टअप द्वारा विकसित प्रोडक्ट्स की बाजार से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) जैसी विश्वसनीय संस्थाओं के साथ एक मार्केटिंग लिंकेज बनाये जाने का भी प्लान है।

साथ ही साथ सरकार अब कृषि क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स के लिए एक अलग डेटाबेस भी तैयार करेगी, ताकि उनके विकास आदि की निगरानी के लिए एक पोर्टल विकसित किया जा सके

आँकड़ो की बात करें तो, केंद्रीय मंत्री के अनुसार, आज से लगभग 7 से 8 साल पहले तक देश में एग्रीटेक स्टार्टअप्स की संख्या करीब 80-100 तक थी, लेकिन बीते कुछ सालों में ये संख्या बढ़कर 2000 से भी अधिक हो गई है। और सरकार का लक्ष्य आने वाले समय में इस आँकड़े को 10,000 तक ले जाने है।

ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इस 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के 100 वर्ष यानि 2047 तक भारत को पूरी तरह से विकसित देश के दर्जा दिलाने के लक्ष्य का ऐलान किया था। ऐसे में इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत कृषि क्षेत्र को थोड़ा भी दरकिनार नहीं कर सकता है।

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