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SpaceX ने भारत में DoT लाइसेंस के लिए किया आवेदन, देगी ‘सैटेलाइट ब्रॉडबैंड’ सर्विस – रिपोर्ट

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SpaceX applies for DoT licence in India: यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बीते कुछ सालों से दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) अपनी सहायक इकाई, स्टारलिंक (Starlink) के जरिए भारत में अपनी ‘सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट’ सेवाओं को शुरू करने की कोशिशें कर रही हैं।

अपनी इन कोशिशों के तहत कंपनी ने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए $99 (करीब ₹7,500) के साथ प्री-बुकिंग की शुरुआत भी की थी।

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लेकिन बाद में भारत सरकार की ओर से लोगों से अपील करते हुए, ये साफ किया गया था कि SpaceX की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इकाई Starlink Internet Services को भारत में सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाओं की पेशकश करने के लिए वैध लाइसेंस नहीं मिला हुआ है, इसलिए इसकी सेवाएँ शुरू नहीं हो सकती।

तब सरकार ने कंपनी को देश के नियामक ढांचे का पालन करने की सलाह दी थी और साथ ही भारत में अपनी इंटरनेट सर्विस को लेकर शुरू की गई ‘प्री-बुकिंग’ को भी ‘तत्काल प्रभाव से’ से बंद करने का निर्देश दिया था।

खबरों के अनुसार, इसके बाद कंपनी ने ग्राहकों के पैसे ‘रिफंड’ कर दिए थे और कुछ ही समय के भीतर तत्कालीन स्टारलिंक इंडिया (Starlink India) के प्रमुख, संजय भार्गव ने तीन महीने में ही नौकरी छोडने का ऐलान कर दिया था।

SpaceX applies for DoT licence in India

लेकिन अब एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, SpaceX ने इस दिशा में फिर से पुख्ता प्रयासों की शुरुआत कर दी है।असल में ET की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, SpaceX (Starlink की पैरेंट कंपनी) ने भारत में सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड सर्विस की शुरुआत करने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) में लाइसेंस हेतु आवेदन किया है।

Credits: Wikimedia Commons

रिपोर्ट में मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि एलन मस्क के मालिकाना हक वाली इस कंपनी ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस पाने के लिए पिछले हफ्ते ही दूरसंचार विभाग में आवेदन किया था।

ये और दिलचस्प इसलिए भी हो जाता है क्योंकि भारत में GMPCS लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली Starlink अब तीसरी कंपनी बन गई है। इसके पहले Airtel समर्थित OneWeb और Jio की सैटेलाइट शाखा, Jio Space Technology ने भी इसी लाइसेंस के लिए आवेदन दे रखा है।

रिपोर्ट की मानें तो SpaceX ने पहले प्रायोगिक (टेस्टिंग) लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन बाद में उसे वापस लेकर अब GMPCS लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया है।

GMPCS लाइसेंस के बाद शुरू हो जाएगी Starlink की ‘सैटेलाइट ब्रॉडबैंड’ सर्विस?

अगर आपको ये लग रहा है कि GMPCS लाइसेंस हासिल कर लेने के बाद Starlink (SpaceX) भारत में अपनी ‘सैटेलाइट ब्रॉडबैंड’ सर्विस की पेशकश करने लगेगा, तो शायद आप जल्दबाजी कर रहे हैं।

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असल में जानकारों के अनुसार, GMPCS लाइसेंस प्राप्त कर लेने के बाद भी अपनी सेवाओं को भारत में शुरू करने के लिए कंपनी को अंतरिक्ष विभाग समेत कुछ अन्य विभागों से भी मंज़ूरी प्राप्त करनी होगी।

साथ ही SpaceX को देश के भीतर इन-कंट्री अर्थ स्टेशन (सैटेलाइट गेटवे) भी स्थापित होंगें। इसके लिए कंपनी को भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) से मंजूरी लेनी होगी।

इन तमाम अनुमतियों को हासिल करने के बाद ही सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं की पेशकश के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाता है।

भारत में SpaceX क्यों दिखा रहा है इतनी जल्दबाजी? 

पिछले कुछ सालों में भारत को लेकर SpaceX ने काफी गंभीरता दिखाई है। इसके पीछे एक बड़ा कारण भी है, जो है इस नए सैटेलाइट ब्रॉडबैंड क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ती प्रतिस्पर्धा।

असल में भारत के विशाल बाजार को देखते हुए, इस क्षेत्र में कई दिग्गज कंपनियाँ जैसे Jio, OneWeb, Tata Group की Nelco, कनाडा के Telesat और Amazon तक दाँव लगाने के लिए बेसब्र नजर आ रही हैं। ऐसे में हर कंपनी के चाहती है कि इस क्षेत्र में देश के बाजार में जितना पहले हो सके, अपनी-अपनी शुरुआत करते हुए, अधिक से अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल की जा सके।

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