SC refuses to halt CCI probe on WhatsApp: भारत में अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवादों में रहे दुनिया के सबसे लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप (WhatsApp) की मुश्किलें अभी भी कम होती नजर नहीं आ रही है।
इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने WhatsApp पर मालिकाना हक रखने वाली कंपनी, Meta द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी ने 2021 में पेश की गई अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ चल रही भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को जांच संबंधित किसी तरीके का अंतिम आदेश जारी करने से रोकने की माँग की थी।
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देश की सर्वोच्च अदालत ने इस याचिका की सुनवाई के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि CCI देश का एक स्वतंत्र नियामक है, और इसके द्वारा शुरू की गई जांच को इस प्रकार रोका नहीं जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “प्रावधानों के उल्लंघन पर जाँच के लिए स्वतंत्र है CCI”
असल में सर्वोच्च अदालत में Meta की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने यह तर्क दिया कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी की वैधता का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने लंबित है।
उन्होंने बताया कि इस मसले पर संविधान पीठ जनवरी में सुनवाई करने वाली है और संसद के शीतकालीन सत्र में डेटा प्रोटेक्शन बिल के पेश होने की भी संभावना है। इसलिए ऐसी स्थिति में अभी CCI को किसी भी तरीके का अंतिम आदेश पारित करने से बचना चाहिए।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने WhatsApp और Meta को एक बड़ा झटका देते हुए ऐसा कोई भी आदेश पारित करने से साफ इनकार कर दिया।
जस्टिस एम. आर. शाह और सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा इस पर कहा कि’
“CCI साल 2002 के ‘प्रतिस्पर्धा अधिनियम’ के प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन पर विचार करने के लिए एक स्वतंत्र निकाय है, और इससे द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रोका नहीं जा सकता है।”
“और इसलिए राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नियामक द्वारा की जा रही जांच को बरकरार रखने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज किया जाता है।”
इस बीच कपिल सिब्बल यह भी कहा कि वह जांच रोकने की मांग नहीं कर रहे, लेकिन कंपनी की माँग है कि CCI अभी किसी तरह का कोई अंतिम आदेश पास न करें।
इसको लेकर जस्टिस शाह ने कहा कि’
“हमें नहीं पता कि CCI द्वारा की जा रही जांच का क्या नतीजा निकलेगा। इसलिए आप सीधे CCI के पास जाकर, उनके सामने अपनी बात रख सकते हैं।”
अदालत ने ये भी साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित सुनवाई का CCI की जांच से कोई संबंध नहीं है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें इसके पहले दिल्ली उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) ने भी 28 सितंबर को Facebook India की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा WhatsApp की ‘प्राइवेसी पॉलिसी-2021’ के खिलाफ दिए गए जांच के आदेश को चुनौती दी गई थी।
WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सबसे बड़ा विवाद डेटा शेयरिंग को लेकर है। नई पॉलिसी के अनुसार, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होने की बात कहने वाला WhatsApp चैट से लेकर उपयोगकर्ताओं के मेटाडेटा, लेनदेन डेटा, मोबाइल डिवाइस की जानकारी, IP ऐड्रेस और अन्य डेटा को Facebook व अन्य सहयोगी प्लेटफ़ॉर्मों के साथ शेयर करता रहेगा। इसका इस्तेमाल Facebook (Meta) टारगेट एडवर्टाइजमेंट के लिए कर सकती है।
इसी तमाम पहलुओं को देखते हुए मार्च 2021 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए जाँच के आदेश जारी किए थे।