Karnataka govt bans Ola, Uber, Rapido autos: कर्नाटक राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए ऐप आधारित कैब व बाइक एग्रीगेटर्स – Ola, Uber और Rapido द्वारा प्रदान की जाने वाली ऑटो सेवाओं को “अवैध” घोषित कर दिया है। इन कंपनियों को 3 दिन के भीतर संबंधित सेवा को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
गुरुवार को राज्य के परिवहन विभाग ने इन कंपनियों के नाम एक नोटिस जारी करते हुए कहा है कि इन कंपनियों को अपनी ऑटो सर्विस को बंद कर देना चाहिए और यात्रियों से सरकार द्वारा निर्धारित किराए से अधिक शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।
ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी नोटिस में स्पष्ट रूप से Ola, Uber और Rapido को ये भी निर्देश दिए गए कि ये एग्रीगेटर्स सरकार के आदेश का पालन करें और अपनी-अपनी अनुपालन रिपोर्ट तीन दिन के भीतर दाखिल करें।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो कंपनियों को ये भी चेतावनी दी गई है कि अगर कैब एग्रीगेटर्स और वाहन मालिक इस सरकारी आदेश का उल्लंघन करते पाए गए तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाई भी जा सकती है।
Karnataka govt bans Ola, Uber, Rapido autos: Know Why?
असल में ये मुद्दा ऑटोरिक्शा संबंधित सर्ज कीमतों/किराए का है। खबरों के अनुसार, कथित रूप से कर्नाटक राज्य सरकार को यात्रियों से यह शिकायत मिल रही थीं कि ये कंपनियाँ निश्चित किराए या कहें तो ‘बेस प्राइस’ से अधिक वसूली करते हुए न्यूनतम किराय के तौर पर लगभग ₹100 लेती हैं।
वहीं सरकारी नियम ये कहते हैं कि राज्य में ऑटो चालक पहले दो किलोमीटर के लिए ₹30 और उसके बाद ₹15 प्रति किलोमीटर की दर से किराया ले सकते हैं।
कुछ रिपोर्ट्स में तो ये भी सामने आया है कि अधिकारियों का मानना है कि राइड एग्रीगेटर्स कंपनियाँ असल में ऑटो सर्विस चलाने के लिए पात्र ही नहीं हैं क्योंकि नियम केवल टैक्सियों तक ही सीमित हैं।
वैसे अब तक इन तीनों कंपनियों की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
दिलचस्प ये है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि जब एग्रीगेटर्स की सेवाओं को “अवैध” घोषित किया गया हो। आपको शायद याद हो कि दिग्गज एग्रीगेटर्स का कर्नाटक राज्य सरकार के साथ इसको लेकर विवाद काफी पुराना है – करीब 2016 से ही। इसके बाद सबसे हाल ही का मामला 2019 का है।
असल में मार्च, 2019 को लिखे एक पत्र में स्थानीय परिवहन विभाग ने Ola की पैरेंट कंपनी ANI Technologies को एक नोटिस जारी करते हुए, शहर में अपनी ऐप-आधारित कैब सेवाओं को बंद करने के लिए कहा था। तब उस पत्र में ये कहा गया था कि ऐप कथित तौर पर “गलत लाइसेंस” का इस्तेमाल करते हुए बाइक-टैक्सी सेवाओं का संचालन कर रहा है।
इस बीच बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में स्थानीय ऑटो चालक भी अब अपना खुद का “Namma Yatri” नामक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च करते हुए इन तामम ऐप-आधारित एग्रीगेटर्स का मुकाबला करने की योजना बना रहे हैं।