Startup Funding – Project Hero: भारत में रियल एस्टेट व कंस्ट्रक्शन सेगमेंट से जुड़े स्टार्टअप्स इस व्यापक क्षेत्र भी तेजी से तकनीक और इनोवेशन का इस्तेमाल करते हुए अपनी जगह बना रहे हैं।
इसी कड़ी में अब कंस्ट्रक्शन टेक स्टार्टअप Project Hero ने अपने हालिया निवेश दौर में $3.2 मिलियन (लगभग ₹25.5 करोड़) की फंडिंग हासिल की है।
कंपनी के लिए इस निवेश दौर का नेतृत्व Ankur Capital और Omidyar Network India ने मिलकर किया। साथ ही इस दौर में Titan Capital समेत अन्य निवेशकों ने भी अपनी भागीदारी दर्ज करवाई।
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इस स्टार्टअप की मानें तो प्राप्त की गई इस पूँजी का इस्तेमाल तकनीकी रूप से प्लेटफार्म को और अधिक सशक्त बनाने, नई प्रतिभाओं को कंपनी में लाने तथा बाजार में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने जैसी योजनाओं को लेकर किया जाएगा।
Project Hero की शुरुआत आईआईटी रुड़की के छात्र रहे सत्य व्यास (Satya Vyas), पुखराज ग्रेवाल (Pukhraj Grewal) और रघु चोपड़ा (Raghu Chopra) ने मिलकर की थी।
यह स्टार्टअप छोटे-बड़े तमाम ठेकेदारों को बेंडिंग, शटरिंग, राजमिस्त्री, पेंटर आदि जैसे विभिन्न ट्रेडों से संबंधित निर्माण श्रमिकों को काम पर रखने और उनके मैनेजमेंट आदि की सहूलियत प्रदान करता है।
असल में कंपनी इस पूरी प्रक्रिया में बिचौलियों को हटाकर, दोनों पक्षों को विश्वसनीय और लागत प्रभावी रूप से सम्पर्क में लाने का काम करती है।
कंपनी के दावे के अनुसार, यह अब तक अपने प्लेटफॉर्म पर 4 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को जोड़ चुकी है और 3,000 से अधिक श्रमिकों को विभिन्न प्रोजेक्ट्स में काम दिलवा चुकी है।
कंपनी के अनुसार, प्लेटफार्म से जुड़नें वाले श्रमिकों को अधिक वेतन वाले काम, उचित ट्रेनिंग और अन्य वित्तीय उत्पादों तक सीधी पहुंच मिलती है।
आपको बता दें इससे पहले Project Hero ने जुलाई 2021 में Titan Capital, अनुपम मित्तल और वरुण अलघ से $450,000 का निवेश हासिल किया था।
वहीं इस नए निवेश को लेकर कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ, सत्य व्यास ने कहा;
“भारत में कंस्ट्रक्शन संबंधित श्रम बाजार अत्यधिक बिचौलियों से भरा हुआ है। उनके साथ ठेकेदार और श्रमिक दोनों का अनुभव अधिकतर बुरा ही होता है। श्रमिक मुख्यतः काम खोजने और अपनी कमाई को मैनेज तक करने के लिए इन बिचौलियों पर निर्भर हैं।”
“साथ ही ये कर्मचारी कभी भी औपचारिक कार्यबल का हिस्सा नहीं बन पाते क्योंकि कहीं पर भी औपचारिक रूप से उनके रोजगार रिकॉर्ड और पेरोल रिकॉर्ड दर्ज नहीं किए जाते हैं। अधिकांश रूप से इस मौजूदा सिस्टम के चलते ठेकेदारों को भी समय और पैसों दोनों का नुकसान सहना पड़ता है।”
उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में सभी की मोबाइल फोन तक पहुंच के चलते मौजूदा पारंपरिक सिस्टम को अब बदला जा सकता है और इसलिए कंपनी इन तमाम समस्याओं को हल करते हुए बेहतरीन समाधान के साथ सामने आई है।
बता दें कुछ ही दिनों पहले कंस्ट्रक्शन साइट व कॉन्ट्रैक्टर्स (ठेकेदारों) मैनेजमेंट प्लेटफार्म Onsite ने भी अपने सीरीज-ए फंडिंग राउंड में $1.5 मिलियन (लगभग ₹11.5 करोड़) का निवेश हासिल किया था।