Startup Funding – Lal10: पिछले कुछ सालों में भारत का ऑनलाइन कॉमर्स सेगमेंट कई नए आयामों को जोड़ता नजर आया है। इसी पर मुहर लगाते हुए, अब सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSMEs) केंद्रित ऑनलाइन थोक विक्रेता प्लेटफॉर्म Lal10 ने अपने प्री-सीरीज-ए दौर में लगभग ₹43 करोड़ का निवेश हासिल किया है।
कंपनी को यह निवेश Yuj Ventures (Xander Group) और Beyond Capital Ventures के नेतृत्व में मिला है। लेकिन इस निवेश दौर में Spiral Ventures, Singularity Ventures, Asymmetry Ventures, Blacksoil, Panthera Peak और Pegasus FinInvest समेत कुछ दिग्गज व्यक्तिगत निवेशकों ने भी भागीदारी दर्ज करवाई।
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फिलहाल यह स्टार्टअप प्राप्त किए गए इस नए निवेश को अमेरिका, जापान और मध्य-पूर्व के बाजारों में अपने तेज विस्तार के लिए इस्तेमाल करने का मन बना रहा है।
साथ ही कंपनी अब MSMEs के लिए अपने प्लेटफ़ॉर्म को तकनीकी रूप से और बेहतर बनाने और ग्राहकों के लिए सप्लाई-चेन को मजबूत बनाने की दिशा में भी काम करेगी, जिससे भारतीय उत्पादों की थोक पेशकश के लिए वैश्विक स्तर के प्लेटफ़ॉर्म के साथ आगे बढ़ा जा सके।
Lal10 की शुरुआत साल 2017 में मनीत गोहिल (Maneet Gohil), संचित गोविल (Sanchit Govil) और एल्बिन जॉस (Albin Jose) ने मिलकर की थी।
नोएडा आधारित ये कंपनी असल में भारत में जमीनी स्तर पर काम कर रहे MSMEs के उत्पादों के लिए एक ऑनलाइन क्रॉस-बॉर्डर थोक प्लेटफ़ॉर्म की पेशकश करती है।
आसान शब्दों में कहें तो कंपनी भारत के छोटे और मध्यम ग्रामीण निर्माताओं को अपने स्थायी उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक ले जाने के लिए उन्हें डिजिटलीकरण के माध्यम से सशक्त बनाने का काम कर रही है।
वहीं दूसरी ओर, वैश्विक खुदरा विक्रेताओं के लिए Lal10 असल में थोक में उत्पादों को खरीदने की सुविधा देने वाले एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करता है। इससे जुड़े खुदरा विक्रेताओं में Zara, Pepperfry, Toast, Wills Lifestyle, Four Seasons, Big Bazaar, Ajio और IKEA आदि जैसे दिग्गज नाम शुमार हैं।
इस निवेश को लेकर कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ, मनीत गोहिल ने कहा,
“Lal10 तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक शिल्प क्रांति लाने के प्रयास कर रहा है। बतौर ब्रांड हमारा लक्ष्य भारत में पूरे शिल्प उद्योग को डिजिटाइज करने का है, ताकि उन्हें वैश्विक थोक बाजार के लिहाज से भी तैयार किया जा सके।”
“रचनात्मक उत्पादों के मामले में भारत की $3.5 बिलियन निर्यात जीडीपी में शामिल उत्पाद, कुछ चुनिंदा उत्पादन केंद्रों जैसे – पानीपत, मुरादाबाद, सहारनपुर, जयपुर और तिरुपुर आदि से ही आता है।”
लेकिन कंपनी का मानना है कि देश के अन्य तमाम टियर-3 और टियर-4 शहरों जैसे भागलपुर, पोचमपल्ली, महेश्वर और अमरोहा में भी तमाम संभावनाएं मौजूद है, जो अब तक वैश्विक पटल पर नहीं आ सकीं हैं।
वर्तमान में यह स्टार्टअप भारत के 2,200 से अधिक सत्यापित MSMEs को जोड़े हुए है, और टियर -2 व अन्य क्षेत्रों से 45,000 से अधिक उत्पादों का आधार भी रखता है।
दिलचस्प ये है कि इसके जरिए MSMEs न सिर्फ बिक्री के लिए अपने उत्पादों को प्लेटफ़ॉर्म पर प्रदर्शित कर सकते हैं बल्कि अपनी लिस्टिंग को मैनेज करने के साथ ही, लेटेस्ट डिजाइन ट्रेंड्स भी पहचान सकते हैं और सीधे कारखानों से कच्चे माल को प्राप्त कर सकते हैं।