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‘ऑनलाइन गेमिंग’ पर GST को लेकर अगस्त में होगा अंतिम फैसला: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

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GST on Online Gaming in India: भारत में अगर ऑनलाइन गेमिंग जगत की बात की जाए, तो दिन-प्रतिदिन इसका बाजार तेजी से बढ़ता जा रहा है। और अभी तक भारत में ऑनलाइन गेमिंग कई मायनों में टैक्स-फ्री कही जा सकती है। लेकिन जल्द ही ये तस्वीर बदलने वाली है।

जी हाँ! आने वाले अगस्त 2022 में इस क्षेत्र में टैक्स को लेकर कुछ बड़े बदलाव के संकेत स्पष्ट हो गए हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहें हैं क्योंकि खुद देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि अगस्त में सरकार ऑनलाइन गेमिंग व अन्य कुछ गेम्स पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) की दरों पर अंतिम फैसला लेगी।

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जी हाँ! वित्त मंत्री के अनुसार, मदुरै में अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाली 48वीं जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, घोड़ों की दौड़ (हॉर्स रेसिंग) और कैसीनो (Casinos) पर जीएसटी दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा।

यह ऐलान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने चंडीगढ़ में हुई 47वीं जीएसटी परिषद की बैठक की समाप्ति के दौरान एक प्रेस वार्ता में किया।

Credits: Wikimedia Commons

GST on Online Gaming in India: कैसे उठा मुद्दा? 

असल में रिपोर्ट्स के अनुसार, गोवा ने इस मुद्दे को उठाया और ऑनलाइन गेमिंग और रेस कोर्स से कैसीनों (Casino) को अलग रखने की सिफारिश की।

इस पर परिषद ने निर्देश दिया कि कैसीनो (Casino), रेस कोर्स और ऑनलाइन गेमिंग पर मंत्रियों का समूह एक समूह राज्यों से प्राप्त इनपुट के आधार पर तमाम मुद्दों व शर्तों की जांच करके। 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

दिलचस्प रूप से इससे पहले यह खबर सामने आई कि जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक में कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और लॉटरी को 28% जीएसटी (GST) के दायरे में लाने के प्रस्ताव को टाल दिया है।

जानकारों के अनुसार अगर ऑनलाइन गेमिंग पर केंद्र की ओर से 28% टैक्स लगाया गया, तो इंडस्ट्री इससे सीधे तौर पर बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पैनल ने सिफारिश की थी कि ऑनलाइन गेमिंग पर बक़ायदा टैक्स लगाया जाना चाहिए, जिसमें खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ी द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रतियोगिता प्रवेश फीस को भी शामिल किया जाना चाहिए।

वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री ने बुधवार को यह भी कहा कि परिषद का प्रथम-दृष्टया विचार यह है कि इन गेमिंग व अन्य चीजों को आपस में जोड़ने वाला सामान्य फ़ैक्टर यह है कि ये गतिविधियां “गैब्लिंग (जुआ)” की प्रकृति की है और उसी लिहाज से इन्हें टैक्स के दायरे में लाने की ज़रूरत है।

लेकिन अब इस पर जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के समूह को जांच करने और 15 जुलाई तक उसकी रिपोर्ट देने के ऐलान के साथ एक बार फिर से गेमिंग बाजार के भविष्य पर संशय बरकरार रखा है।

जीएसटी दर आदि को लेकर किया जाने वाला फैसला कितना अहम साबित हो सकता है, इसका आंदाज़ा आप ऐसे लगा सकते हैं कि बीतें कुछ सालों में भारतीय ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री तेजी से बढ़ती जा रही है मौजूदा समय में एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में आज 900 से अधिक स्टार्टअप कार्यरत हैं।

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