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‘अग्निपथ स्कीम’: सरकार ने कसा सोशल मीडिया पर शिकंजा, अफवाह फैलाने पर कई WhatsApp ग्रुप किए बैन

‘अग्निपथ स्कीम’: सरकार ने कसा सोशल मीडिया पर शिकंजा, अफवाह फैलाने पर कई WhatsApp ग्रुप किए बैन

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Agnipath Scheme – India bans WhatsApp groups: सरकार की नई अग्निपथ स्कीम को लेकर देश के कई हिस्सों में तनाव का माहौल बना हुआ है। और ऐसे में एक बार फिर सोशल मीडिया की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं, जिसको लेकर सरकार सख़्त नजर आ रही है।

भारत सरकार के ‘अग्निपथ स्कीम’ को लेकर कथित रूप से अफवाह फैलाने व हिंसा भड़काने के आरोपों को लेकर 35 WhatsApp ग्रुप बैन किए हैं।

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हम देख रहें हैं की अग्निपथ स्कीम के विरोध में देश के अधिकतर भागों में हो रहे प्रदर्शन हिसंक रूप लेते नजर आए और इस दौरान रेलवे समेत कई सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान भी पहुँचा।

असल में ‘अग्निपथ स्कीम’ भारत सरकार की एक नई योजना है, जिसके तहत अब देश की तीनों सेनाओं (आर्मी, एयरफोर्स व नेवी) में योग्यता आधारित सैन्य भर्ती की जाएँगी।

लेकिन सबसे अहम बिंदु यह है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने लाने अग्निवीरों (Agniveer) की सेवा अवधि 4 साल की होगी। इस अवधि के पूरा होने के बाद योग्यता, इच्छा और हेल्थ फिटनेस के आधार पर केवल एक चौथाई (25%) अग्निवीरों को ही नियमित तौर पर सेना में शामिल किया जाएगा।

इस स्कीम को लेकर तर्क यह दिया जा रहा है कि देश में सशस्त्र बलों की औसत आयु को कम करने की जरूरत है।

इसको लेकर तमाम ‘रक्षा विशेषज्ञों’ की भी मिली-जूली प्रतिक्रियाएँ हैं, जिनमें से कई इस योजना की आलोचना करते हुए कह रहें हैं कि यह स्कीम राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।

Agnipath Scheme: सोशल मीडिया के रोल पर सवाल?

वहीं इसको लेकर तमाम राज्यों में छात्रों ने भी अपनी नाराजगी जताई। लेकिन कई जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन भी देखनें को मिले, जिनमें हज़ारों युवकों ने कई ट्रेनों के डिब्बों पर हमला व आगजनी तक को अंजाम दिया।

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इन हिंसक प्रदर्शनों को रोकने की दिशा में सरकार ने सोशल मीडिया की भूमिका का भी जायज़ा लिया है। और अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को गृह मंत्रालय (MHA) से प्राप्त इनपुट के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A (IT Act) के तहत कई WhatsApp Groups को बैन तक करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

सामने आई जानकारियों के अनुसार, इनमें से कुछ ग्रुप 300 से अधिक सदस्य वाले भी थे, जिनका इस्तेमाल विरोध प्रदर्शनों की प्लानिंग आदि के लिए किया जा रहा था, जो बाद में हिंसक रूप लेते दिखाई दिए।

सोशल मीडिया को लेकर सरकार काफ़ी सचेत है और आने वाले हफ्तो में सोशल मीडिया पर रुझानों पर सरकारी एजेंसियों की पैनी नजर रहेगी। इसके तहत हिंसा को भड़काने वाले कंटेंट को हटाने व ऐसे अन्य ग्रुपों को बैन करने का काम किया जाएगा।

इस बीच सेना के शीर्ष अधिकारियों ने ये साफ कर दिया है कि ये स्कीम वापस नहीं होगी और विरोध प्रदर्शन के चलते अग्निपथ स्कीम के तहत इस साल होने वाली 46,000 कैडेटों की भर्ती प्रक्रिया नहीं रोकी जाएगी।

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