Gigforce – Startup Funding News: भारतीय बाज़ार में जैसे जैसे स्टार्टअप ईकोसिस्टम बड़ा हो रहा है, ऑन-डिमांड स्टाफिंग प्लेटफॉर्म की माँग में भी उसी दर से इज़ाफ़ा होने लगा है।
इस कड़ी में ब्लू कॉलर जॉब्स व पार्ट-टाइम इंटर्नशिप पर केंद्रित ऑन-डिमांड स्टाफिंग प्लेटफॉर्म Gigforce ने अब अपने हालिया निवेश दौर में Meraki Labs से $2 मिलियन (लगभग ₹15 करोड़) का निवेश हासिल किया है।
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इस नए निवेश के बाद अब बेंगलुरु आधारित Gigforce द्वारा हासिल की गई कुल निवेश राशि $6 मिलियन हो गई है।
वैसे इस स्टार्टअप की मानें तो प्राप्त किए गए इन पैसों का इस्तेमाल ऑन-गिग परफॉर्मेंस के लिए डीप-टेक और मजबूत एनालिटिक्स बनाने की दिशा में किया जाएगा।
साल 2019 में शुरू की गई ये कंपनी प्रति घंटा, साप्ताहिक या मासिक आधार पर क्यूरेटेड और पूर्व-प्रशिक्षित गिग स्टाफ प्रदान करती है।
यह उपलब्ध गिग वर्कर्स को उनके इलाके में एक दिन से लेकर कुछ महीनों तक के शॉर्ट गिग्स नियोक्ताओं से भी जोड़ने की सुविधा से लैस करती है। Gigforce यह भी सुनिश्चित करता है कि गिग वर्कर्स को उचित प्रशिक्षण और भुगतान मिले।
गिग वर्कर्स डॉक्यूमेंटेशन से लेकर गिग्स नियोक्ता चुनने और भुगतान प्राप्त करने जैसी सेवाओं के लिए इसके ऐप पर डिजिटल साइन अप कर सकते हैं।
प्राप्त किए गए इस नए निवेश को लेकर Gigforce के सह-संस्थापक और सीईओ, चिराग मित्तल (Chirag Mittal) ने कहा;
“हमारी टीम के आकार का 2.5 गुना से अधिक विस्तार हमारे विकास को भली भाँति प्रदर्शित करता है। हमारे पास विभिन्न कार्यों के लिए एक कुशल नेतृत्व टीम है।”
“हमारा लक्ष्य इस साल के अंत तक प्लेटफ़ॉर्म पर 50,000 से अधिक सक्रिय गिग वर्कर्स को जोड़ने का है और साल 2025 तक हम ये आँकड़ा 10 लाख सक्रिय गिग वर्कर्स तक ले जाने की ओर अग्रसर हैं।”
प्लेटफ़ॉर्म का दावा है कि यह लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अपने कुल सक्रिय गिग श्रमिकों में से लगभग 80% को तैनात कर चुका है, जो Delhivery, Blinkit, Zepto, Gati, DTDC, Grab, Ecom Express, Park+ और Shadowfax जैसे क्लाइयंट को सेवा प्रदान कर रहें हैं।
वहीं इस बीच Meraki Labs की ओर से मृदु झंगियानी (Mridu Jhangiani) ने कहा;
“हम अच्छी नौकरियों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के Gigforce के मिशन के साथ जुड़ कर बेहद रोमांचित हैं। गिग इकॉनमी भारत के बढ़ते बेरोजगारी संकट का समाधान का एक बेहतरीन रास्ता बनकर सामने आएगी। एक मजबूत ईकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए तकनीक का लाभ उठाना और सुनिश्चित करना कि ये लाभ सभी के बीच समान रूप से और बड़े पैमाने पर वितरित हो, बेहद अहम है।”