ISRO PSLV-C52 Launch with EOS-04: दुनिया भर में एक बार फिर से अंतरिक्ष तकनीकी क्षेत्र में अपना लोहा मनवाते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सुबह 5:59 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C52) का सफ़ल लॉन्च किया।
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ये इसलिए अहम रहा क्योंकि साल 2022 में ये ISRO का पहला मिशन साबित हुआ। इस PSLV-C52 के ज़रिए इसरो ने अंतरिक्ष में 3 सैटेलाइट लॉन्च किए, जिसमें से एक रहा अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-04)
बता दें इस सैटेलाइट को ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ का नाम भी दिया गया है, क्योंकि इसका मुख्य काम पृथ्वी की सतह की सटीक तस्वीरें इसरो को भेजना होगा। इसके साथ ही इसरो की ओर से 2 अन्य छोटे सैटेलाइट भी अंतरिक्ष में भेजे गए हैं।
क्या है EOS-04 या रडार इमेजिंगसैटेलाइट?
असल में ये मिशन इसी EOS-04 सैटेलाइट के इर्द-गिर्द चर्चा में रहा है। इस सैटेलाइट का वजन क़रीब 1,710 किलो है, जिसको अंतरिक्ष में लगभग 529 किलोमीटर के सूर्य समकालिक ध्रुवीय ऑर्बिट (कक्षा) में चक्कर लगाना है।
इसरो के अनुसार ये EOS-04 को साधारण शब्दों में एक राडार इमेजिंग सैटेलाइट के तौर पर समझा जा सकता है। इसके द्वारा भेजे गए हाई क्वॉलिटी तस्वीरों के ज़रिए कृषि, वानिकी, पौधरोपण, मिट्टी में नमी, पानी उपलब्धता और बाढ़ ग्रस्त इलाकों की अच्छी समझ विकसित करने और इनके नक़्शे आदि तैयार करने में मदद मिलेगी।
Launch of PSLV-C52/EOS-04 https://t.co/naTQFgbm7b
— ISRO (@isro) February 13, 2022
ISRO PSLV-C52 Launch with EOS-04 + INSPIREsat-1 + INS-2TD
वहीं इस सैटेलाइट के साथ अंतरिक्ष में इसरो की ओर से भेजे गए दो अन्य उपग्रहों की बात करें तो इनमें से एक है इंस्पायर सेट-1 (INSPIREsat-1), जो भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान तकनीक संस्थान ((IIST) ने कोलोराडो विश्विद्यालय के अंतरिक्ष भौतिक शास्त्र व वायुमंडलीय प्रयोगशाला के साथ मिलकर तैयार किया है।
इस सैटेलाइट के ज़रिए आयनोस्फीयर की गति आदि और सूर्य की कोरोनल हीटिंग प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिलेगी।
वहीं दूसरा सैटेलाइट रहा – आईएनएस-2टीडी (INS-2TD), जो इसरो द्वारा ही तैयार किया गया है। इसको असल में भारत व भूटान के संयुक्त उपग्रह आईएनएस-2वी (INS-2B) के पहले तैयार करते हुए भेजा गया है।
ये उपग्रह थर्मल इमैजनिंग कैमरा और अन्य पेलोड्स से लैस है, जो पृथ्वी की सतह का तापमान सटीक तरीके से मापने, आद्र भूमि, झील, जंगल, फसल आदि का बेहतर ढंग से समझने जैसे कामों में मददगार साबित होगा।
दिलचस्प बात ये है कि इस नए सफ़ल लॉन्च के साथ ही अब PSLV की कुल 54वीं उड़ानें हो चुकी हैं। इतना ही नहीं बल्कि 6 पीएसओएस-एक्सएल (6 PSOM-XLs) – [स्ट्रैप-ऑन मोटर्स] के साथ पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन का इस्तेमाल करते हुए ये ISRO का 23वां मिशन रहा।
India’s Polar Satellite Launch Vehicle PSLV-C52 injected Earth Observation Satellite EOS-04, into an intended sun synchronous polar orbit of 529 km altitude at 06:17 hours IST on February 14, 2022 from Satish Dhawan Space Centre, SHAR, Sriharikota. https://t.co/BisacQP8Qf
— ISRO (@isro) February 14, 2022