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Zomato Q3 रिपोर्ट: कुल घाटा कम होते हुए पहुँचा ₹63 करोड़; ऑर्डर की संख्या में सालना दर से 93% की वृद्धि

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Zomato Q3 FY22 Report: ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेगमेंट का दूसरा नाम बन चुके Zomato ने अपनी तीसरी तिमाही (Q3 FY22) के आँकड़ो को पेश कर दिया है।

अक्टूबर से दिसंबर 2021 के इन तिमाही आँकड़ो के अनुसार, Zomato का कुल घाटा कम हुआ है और अब ये ₹63 करोड़ पर आ गया है। वहीं इसके पहले कि सितंबर तिमाही में कंपनी को ₹429 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था।

आपको याद दिला दें कि कंपनी ने एक साल पहले की तीसरी तिमाही अवधि में ₹352.6 करोड़ का घाटा दर्ज किया था।

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दिलचस्प ये है कि Zomato ने ग्रॉस ऑर्डर वैल्‍यू (Zomato GOV) में मामले में भी अच्छी बढ़त दर्ज की है, और ये आँकड़ा ₹5,500 करोड़ रहा है। इस मामले में कंपनी ने साल-दर-साल के हिसाब से 84.5% और तिमाही-दर-तिमाही के नज़रिए से 1.7% वृद्धि दर्ज की है।

आपमें से अधिकतर शायद सोच रहें हों कि ग्रॉस ऑर्डर वैल्‍यू (GOV) होता क्या है? आसान शब्दों में कहें तो ग्रॉस ऑर्डर वैल्‍यू (GOV) को भारत में Zomato पर ऑनलाइन किए गए सभी फ़ूड डिलीवरी ऑर्डर्स की कुल क़ीमत के रूप में समझा जा सकता है। इसमें टैक्स, कस्टमर डिलीवरी चार्ज, सभी ऑफ़र्स आदि को शामिल किया जाता है, लेकिन ग्राहकों की ओर से दी जाने वाले टिप को नहीं।

अब बात करते हैं दीपिंदर गोयल के नेतृत्व वाली Zomato के ऑपरेशन से अर्जित राजस्व की, तो ये क़रीब 82.47% बढ़कर ₹1,112 करोड़ रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में ₹609.4 करोड़ था।

वहीं कंपनी के समायोजित राजस्व (एडजस्टेड रेवेन्यू) में साल-दर-साल के आधार पर 78% की वृद्धि दर्ज की गई, जो अब ₹1,420 करोड़ तक पहुँच गया है। पर तिमाही-दर-तिमाही के हिसाब से इस तीसरी तिमाही पर इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

वैसे कंपनी ने इस दिसंबर तिमाही में ₹316 करोड़ रुपये का समेकित असाधारण लाभ भी घोषित किया है।

इस बीच एडजस्टेड EBITDA (Interest, Tax, Depreciation और Amortisation से पहले की कमाई) का घाटा पिछले सितंबर में ₹310 करोड़ की तुलना में कम होते हुए ₹270 करोड़ हाई रहा।

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दिलचस्प ये है कि Zomato के ऑर्डर की संख्या साल दर साल के हिसाब से 93% और तिमाही-दर-तिमाही के हिसाब से 5% की वृद्धि देखी गई।

Zomato के औसत ऑर्डर वैल्यू (AOV), जिसमें कस्टमर डिलीवरी चार्ज शामिल हैं, में तिमाही के हिसाब से लगभग 3% की कमी देखी गई, इसकी बड़ी वजह कस्टमर डिलीवरी चार्ज में आई कमी को बताया गया है।

ग़ौर करने वाली बात ये है कि पिछले 5 सालों में Zomato में औसत मासिक एक्टिव फ़ूड डिलीवरी रेस्तरां में 6 गुना वृद्धि हुई है, जबकि औसत मासिक लेनदेन करने वाले ग्राहकों में 13 गुना वृद्धि हुई है।

Zomato ने इस बात का भी ऐलान किया है कि कंपनी आगामी 2 सालों में क्विक कॉमर्स डिलीवरी सेगमेंट में $400 मिलियन का निवेश करेगी। कंपनी के अनुसार पिछले साल इसने Blinkit, Shiprocket और Magicpin में $225 मिलियन डॉलर का निवेश किया था।

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