Site icon NewsNorth

स्पेस-टेक स्टार्टअप Skyroot Aerospace ने हासिल किया ₹34 करोड़ का निवेश

funding-news-spacetech-startup-skyroot-aerospace-raises-rs-34-cr

Skyroot Aerospace – Startup Funding News: बीते कुछ समय से भारत का स्पेस जगत प्राइवेट खिलाड़ियों को भी प्रासंगिग रूप से जगह देता नज़र आता है। शायद यही कारण है कि देश में स्पेस-टेक क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स अब प्रमुखता से निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खीचने लगे हैं।

इसी कड़ी में अब भारत में निजी अंतरिक्ष लॉन्च वाहनों का निर्माण कर रहे स्टार्टअप, Skyroot Aerospace (स्काईरूट एयरोस्पेस) ने $4.5 मिलियन (लगभग ₹34 करोड़) का निवेश हासिल करने का ऐलान किया है।

ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)

कंपनी ने ये पूँजी अपने सीरीज-बी के तहत ब्रिज राउंड में Sherpalo Ventures के नेतृत्व में हासिल की है, ये वेंचर कैपिटल फ़र्म Google के शुरुआती निवेशकों में से एक रहे राम श्रीराम की है।

वैसे इस ब्रिज राउंड में बतौर सह-नेतृत्वकर्ता अन्य निवेशक जैसे Wami Capital, WhatsApp के पूर्व-सीबीओ – नीरज अरोड़ा और Google के पूर्व कार्यकारी अधिकारी अमित सिंघल भी शामिल रहे।

इस नए निवेश को मिला दें तो हैदराबाद मुख्यालय वाले इस एयरोस्पेस स्टार्टअप द्वारा अब तक क़रीब कुल $17 मिलियन जुटाए जा चुके हैं, जो अब तक किसी भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई सबसे अधिक राशि है।

इसके पहले कंपनी ने साल 2021 में Greenko संस्थापकों के नेतृत्व में सीरीज-ए दौर में $11 मिलियन जुटाए थे, जबकि इसके भी पहले इसने सीड राउंड में Myntra और CureFit के संस्थापक, मुकेश बंसल से $1.5 मिलियन हासिल किए थे।

Skyroot Aerospace की शुरुआत साल 2018 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक रहे, पवन कुमार चंदना (Pawan Kumar Chandana) और नागा भारथ डाका (Naga Bharath Daka) ने मिलकर की थी।

Image Credit: Skyroot Aerospace

तीन साल पुराना ये स्टार्टअप ऐसी पहली भारतीय निजी एयरोस्पेस कंपनी बन चुका है, जिसने प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक सतीश धवन के सम्मान में Dhawan-1 नामक अपने एक क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

दिलचस्प रूप से कंपनी अपनी क्रायोजेनिक इंजन तकनीक को किसी अन्य कंपनी को किसी तरह के लाइसेंस समझौते आदि के बेचना नहीं चाहती है, बल्कि इसका इस्तेमाल अपने संचालन को बढ़ाने में करती नज़र आएगी।

See Also

इसकी कोशिश अन्य कंपनियों के साथ साझेदारी करने की है, जो मुख्य रूप से अर्थ ऑब्ज़र्वेशन और कम्यूनिकेशन उपग्रहों (सैटेलाइट्स) के निर्माण की क्षमता रखती हैं। ये स्टार्टअप उन्हें अपने सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च करने में मदद करेगा।

Skyroot की मानें तो यह जल्द संभवत: दुनिया का सबसे सस्ता सैटेलाइट लॉन्च वाहन पेश करने में सफ़ल होगा। ज़ाहिर है नए दिग्गज़ निवेशकों का कंपनी के साथ जुड़ना, इसके प्रयासों को और तेज और व्यापाक बनाएगा।

Skyroot के सह-संस्थापक और सीईओ, पवन कुमार ने कहा;

“दुनिया के सबसे प्रभावशाली तकनीकी निवेशकों ख़ासकर राम श्रीराम का हमपर भरोसा जताना, पिछले तीन  सालों से इस एयरोस्पेस स्टार्टअप के दृष्टिकोण और कार्य को मान्यता प्रदान करता है।”

Exit mobile version