Refyne – Startup Funding News: सिर्फ़ एक साल पुराने फिनटेक स्टार्टअप Refyne ने अपने नए निवेश दौर में $82 मिलियन (लगभग ₹600 करोड़) का निवेश हासिल किया है।
बेंगलुरु आधारित ये कंपनी असल में कामकाजी पेशेवरों को 60 सेकंड के भीतर अपने वेतन से एडवांस में (या ऑन-डिमांड) पैसे निकालनें की अनुमति देती है।
बात करें इस हालिया निवेश की तो कंपनी के लिए इस दौर के नेतृत्व न्यूयॉर्क आधारित दिग्गज़ निवेश फर्म, टाइगर ग्लोबल (Tiger Global) ने किया।
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इसके अलावा इस दौर में Refyne के कुछ मौजूदा निवेशकों जैसे QED Investors, DST Global के पार्टनर, Jigsaw VC, XYZ Capital और RTP Global ने भी अपनी-अपनी भागीदारी दर्ज करवाई। वहीं नए निवेशक के तौर पर Digital Horizon भी शामिल रहा।
इस निवेश के बाद, सिर्फ़ डेढ़ साल पुरानी इस कंपनी द्वारा हासिल किया गया अब तक का कुल निवेश आँकड़ा $106 मिलियन तक पहुँच गया है।
Refyne असल में एक ऐसे मॉडल का संचालन करता है, जिसको इंडस्ट्री की भाषा में Earned Wage Access (EWA) प्लेटफ़ॉर्म कहा जा सकता है।
इस EWA को ऑन-डिमांड भुगतान के तौर पर भी जाना जाता है, जो मुख्यतः कर्मचारियों को उनके वेतन प्राप्त करने के पहले ही, आगामी वेतन से कुछ हिस्सा निकाल सकने में मदद करता है। बाक़ी का बचा वेतन का पैसा नियमित वेतन मिलने वाले दिन पर प्राप्त किया जा सकता है।
मान लीजिए ₹30,000 रुपये प्रति माह कमाने वाला कर्मचारी को किसी अचानक खर्च की वजह से पैसों की ज़रूरत है तो वह चाहे तो महीने के बीच में भी अपनी उस महीने की सैलरी से ₹10,000 रुपये तक ले सकता है और बाक़ी का पैसा उसको महीने के अंत में (जब सामान्य रूप से सभी को सैलरी मिलती है) मिल जाता है।
Refyne की शुरुआत चित्रेश शर्मा (Chitresh Sharma) और अपूर्व कुमार (Apoorv Kumar) ने मिलकर की थी, जो फ़िलहाल बिज़नेस-टू-बिज़नेस-टू-कंज़्यूमर मॉडल पर काम कर रहा है और वर्तमान में Practo, TeamLease, Cars24, Cafe Coffee Day सहित क़रीब 150 साझेदारों को जोड़ चुका है।
इस प्रकार इन तमाम कंपनियों के कर्मचरियों को सैलरी मिलने के नियत दिन से पहले भी सैलरी का कुछ हिस्सा निकाल सकने की सहूलियत मिलती है।
इस तरीक़े के कंपनी का दावा है कि फ़िलहाल विभिन्न कम्पनियों के 700,000 से अधिक कर्मचारियों इसकी सेवाओं का लाभ उठा सकतें हैं और आने वाले 12 महीनो में कंपनी इस आँकड़े को 30 लाख से अधिक कर्मचारियों तक ले जाने की उम्मीद कर रही है।
दिलचस्प ये है कि फ़िलहाल पूंजी के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के साथ करार करने वाले Refyne ने खुद भी NPFC लाइसेंस के लिए आवेदन कर रखा है।
हर बार जब कर्मचारी जब अपने वेतन का कुछ हिस्सा निकालते हैं तो एक फ़ीस काटी जाती है, जो कंपनी के मुताबिक़ ₹9 तक कम हो सकती है। NBFC भागीदार पूंजी की लागत के रूप में ये फ़ीस चार्ज करते हैं।
Refyne ऐप कर्मचारियों को रियल-टाइम में वेतन को ट्रैक करने व अन्य जानकारियाँ भी प्रदर्शित करती है। दिलचस्प ये है कि कंपनी का प्लेटफ़ॉर्म मौजूदा समय में 12 भाषाओं को सपोर्ट करता है और किसी भी मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली और उद्यम संसाधन नियोजन सेवा के साथ सुचारु रूप से काम करने में सक्षम है।