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हेल्थटेक स्टार्टअप AarogyaAI ने हासिल किया लगभग ₹5.2 करोड़ का निवेश

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Credit: AarogyaAI

AarogyaAI Funding: ये बात तो हम सब समझते हैं कि भारत के स्वास्थ्य जगत में तकनीकी क्रांति की संभावनाएँ अभी भी काफ़ी व्यापाक हैं। और इन्हीं अवसरों की तलाश में कई स्टार्टअप्स तेज़ी से आगे बढ़ रहें हैं।

कुछ ऐसे ही नामों में से एक हेल्थटेक स्टार्टअप AarogyaAI ने हाल में अपने सीद फ़ंडिंग राउंड में $700,000 (लगभग ₹5.2 करोड़) का निवेश हासिल किया है।

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कंपनी ने यह निवेश Info Edge (India) और Avaana Capital से हासिल किया है। लेकिन इस दौर में मौजूदा निवेशकों जैसे Entrepreneur First और First In Ventures ने भी भागीदारी दर्ज की।

आइए आपको बताते हैं कि आख़िर AarogyaAI की शुरुआत हुई कैसे? असल में प्राप्ति जायसवाल (Praapti Jayaswal) और अवलोकिता तिवारी (Avlokita Tiwari) द्वारा 2019 में शुरू किए गए। इस स्टार्टअप ने एक SaaS (सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस) प्लेटफॉर्म बनाया है, जहां किसी मरीज को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया से डीएनए अनुक्रम, जिसे जीनोम अनुक्रमण के तौर पर भी जाना जाता है, को अपलोड करके, मशीन लर्निंग (ML) एल्गोरिथम और एआई (AI) का उपयोग करते हुए रोगी की व्यापक दवा संवेदनशीलता की स्थिति का विश्लेषण किया जा सकता है।

इसमें दवाओं और उनके कॉम्बिनेशन की भी एक सूची शामिल है जो ये ज़ाहिर करेगी कि वह रोगी के लिए काम की है या नहीं?

वैसे इसका द्वारा प्रदान की जाने वाली रिपोर्ट का इस्तेमाल डॉक्टरों द्वारा बेहतर एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक कॉम्बिनेशन को निर्धारित करने के लिए भी किया जा सकेगा, जिससे मरीज़ के उपचार की अवधि का समय भी कम किया जा सकता है।

ग़ौर करने वाली बात ये है कि इस सॉफ्टवेयर को आंतरिक रूप से मान्य कर दिया गया है और अब या अपने बाहरी सत्यापन और पायलट परीक्षण के चरण में है। कंपनी को उम्मीद है कि साल 2022 के मध्य तक इसका व्यावसायिक इस्तेमाल भी शुरू किया जा सकेगा।

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इस बीच बात की जाए प्राप्त किए गए इस नए निवेश की तो कंपनी की सह-संस्थापक और सीईओ, प्राप्ति जायसवाल के अनुसार;

“इस पूँजी का उपयोग मुख्य रूप से रिसर्च एंड डेवलपमेंट (RnD) को लेकर, टीम के विस्तार के लिए तथा सत्यापन व पायलट परीक्षण आदि के लिए किया जाएगा।”

बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) मॉडल पर काम करते हुए AarogyaAI के ग्राहकों की लिस्ट में आने वाले समय में डायग्नोस्टिक लैब, अस्पताल और फार्मास्यूटिकल्स आदि प्रमुखता से शामिल नज़र आएँगें। ऐसा लिए भी क्योंकि कंपनी एंटीबायोटिक डेवलपमेंट के बारे में काफ़ी इन्सायट्स व डेटा प्रदान करने में सक्षम है।

दिलचस्प रूप से ये स्टार्टअप डैशबोर्ड एनालिटिक्स का निर्माण करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है जो रोग संबंधित दवा प्रतिरोध के प्रसार, उभरते दवा प्रतिरोध के पैटर्न आदि को प्रदर्शित कर सकेगा।

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