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B2B मैन्युफैक्चरिंग एंड ऑटोमेशन स्टार्टअप Groyyo ने हासिल किया क़रीब ₹34 करोड़ का निवेश

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Credit: Groyyo

Startup Funding News – Groyyo: नए साल की शुरुआत हो चुकी है और इसी के साथ स्टार्टअप ईकोसिस्टम में नए निवेशों की भी। और अब एक ताज़ा उदाहरण के तहत मुंबई आधारित बिज़नेस-टू-बिज़नेस (B2B) मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमेशन स्टार्टअप Groyyo ने अपने सीड निवेश दौर या ‘फंडिंग राउंड’ में $4.6 मिलियन (लगभग ₹34 करोड़) हासिल किए हैं।

कंपनी के लिए इस सीद फ़ंडिंग राउंड का नेतृत्व Alpha Wave Incubation ने किया, जिसमें Sparrow Capital और Stride Ventures ने भी भाग लिया।

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इतना ही नहीं बल्कि इस निवेश दौर में दीपक जैन (Bain & Co.), अर्पण सेठ (Bain & Co), OYO Group के वैश्विक मुख्य रणनीति अधिकारी – मनिंदर गुलाटी और बॉम्बे चैंबर ऑफ कॉमर्स की चेयरपर्सन अंजलि बंसल जैसी एंजेल निवेशकों ने भी भागीदारी दर्ज की।

Startup Story: Groyyo Funding

आपको बता दें Groyyo की शुरुआत साल 2021 में सुबिन मित्रा (Subin Mitra), प्रतीक तिवारी (Pratik Tiwari) और रिदम उपाध्याय (Ridam Upadhyay) ने मिलकर की थी।

आपको बता दें Groyyo असल में मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमेशन जगत से जुड़ा एक स्टार्टअप है जो मुख्यतः छोटी कंपनियों को मैन्युफ़ैक्चरिंग क्षेत्र में आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स, इनोवेशन, मानकीकरण, अन्य तमाम तकनीकों और उद्योग विशेषज्ञों के मार्गदर्शन जैसी सेवाएँ प्रदान करता है।

कंपनी की मानें तो ये अपना संचालन शुरू करने के मात्र 6 महीनें के भीतर ही भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से जुड़े क़रीब 200 छोटे निर्माताओं को अपनी सेवाओं की पेशकश करते हुए डिजिटल रूप से सशक्त बना चुकी है।

कंपनी का ये भी दावा है कि Groyyo Standard Factory मतलब इसकी सुविधाओं को अपनाने वलय मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनियों ने राजस्व में क़रीब 15% तक की और प्रोफ़िट में लगभग 20% तक की वृद्धि दर्ज की है।

Groyyo Funding

फ़िलहाल इस नए प्राप्त निवेश के ज़रिए कंपनी का इरादा दक्षिण एशिया में प्रमुख मैन्युफ़ैक्चरिंग क्षेत्रों में अपनी टीम को बढ़ाने और संयुक्त राज्य अमेरिका व मिडल ईस्ट में अपना विस्तार करने का है। साथ ही कंपनी इस फ़ंड का इस्तेमाल अपने मैन्युफ़ैक्चरिंग भागीदारों को तकनीकी व अन्य आयामों में अपडेट करने के लिए भी करेगी।

इस नए निवेश को लेकर Groyyo के सह-संस्थापक, सुबिन मित्रा ने कहा;

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“आने वाले समय में वैश्विक रूप से सोर्सिंग क्षेत्र में छोटे निर्माताओं की भूमिका बहुत अहम होने वाली है। जैसे जैसे बाज़ार के तमाम क्षेत्रों में D2C ब्रांडों की संख्या बढ़ रही है और उसी अनुपात में पारदर्शी, आज्ञाकारी, गुणवत्ता वाले निर्माताओं की माँग भी तेज़ी से बढ़ी है, जो कम से कम ऑर्डर साइज़, तेजी से बदलाव को अपनाने और किफ़ायती सेवाओं को देने में सक्षम हों।”

ग़ौर करने वाली बात ये भी है कि IBEF की रिपोर्ट के अनुसार भारत का मैन्युफ़ैक्चरिंग सेक्टर साल 2025 तक क़रीब $1 ट्रिलियन तक का आँकड़ा छू लेगा।

ऐसे में भारत सरकार की ओर से पेश की गई Make in India और PLI जैसी स्कीम्स भी इस क्षेत्र में अहम रोल निभाती नज़र आ रहीं हैं।

वहीं Alpha Wave Incubation के मैनेजिंग डायरेक्टर, अनिरुद्ध सिंह (Anirudh Singh) ने अपने बयान में कहा;

“हमें वास्तव में Groyyo द्वारा अपनाया गया ‘सप्लाई-फ़र्स्ट’ दृष्टिकोण काफ़ी पसंद आया, जो उन्हें दुनिया भर में व्यापाक खरीदारों की माँग को पूरा करने के लिए कई श्रेणियों और उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद करता है।”

“साथ भी हम ये भी मानते हैं कि Groyyo की सुविधाएँ दक्षिण एशिया के बाज़ार में भी तेज़ी से बढ़ते छोटी मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनियों को बढ़ावा देंगी और बड़े पैमाने पर ग्राहकों के साथ काम करने के उनके सपने को भी साकार करेंगी।”

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