RBI on private cryptocurrency (Hindi): अब तक ये तो साफ़ हो गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrency) का इतना पक्षधर नहीं है, और अब इसी कड़ी में एक बार फिर से RBI की एक रिपोर्ट में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की आलोचना की गई है।
असल में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस रिपोर्ट में कहा है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ग्राहक सुरक्षा, धन-शोधन (मनी-लॉंड्ररिंग) और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे तमाम तत्काल जोखिम पैदा करती हैं।
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जी हाँ! मंगलवार को केंद्रीय बैंक, आरबीआई द्वारा पेश की गई वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (RBI Financial Stability Report or FSR) में कहा गया है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी “धोखाधड़ी और अत्यधिक मूल्य अस्थिरता” के ख़तरों से भरी हुई है।
इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट में इसको लेकर धन प्रवाह का मैनेजमेंट, वित्तीय और मैक्रो-आर्थिक स्थिरता, मौद्रिक नीति संचरण और मुद्रा प्रतिस्थापन जैसे विषयों को लेकर कुछ दीर्घकालिक चिंताओं का भी ज़िक्र किया गया।
आपको बता दें कि RBI द्वारा व्यक्त की गई चिन्ताएँ इसलिए भी अहम हो जाती हैं क्योंकि बीते कुछ समय से देश में आधिकारिक स्तर पर ये बहस काफ़ी चल रही है कि क्या भारत को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाना चाहिए या नहीं?
लेकिन जैसा कि हमनें आपको बताया भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ये रूख कोई नया नहीं है। आरबीआई समय-समय पर भारत में अनियमित निजी क्रिप्टोकरेंसी बाजार द्वारा उत्पन्न गहन व्यापक आर्थिक चिंताओं व मुद्दों को उठाता नज़र आता रहा है।
लेकिन इसी बीच दिलचस्प रूप से भारत का ये केंद्रीय बैंक ख़ुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या आसान भाषा में कहें तो भारत की एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी (RBI Digital Currency) पेश करने की योजना भी बना रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि सरकार भी देश के क्रिप्टोकरेंसी बाजार को विनियमित करने के लिए एक राष्ट्रीय कानून तैयार करने की प्रक्रिया में है।
जैसा कि इस FSR रिपोर्ट में भी कहा गया है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि दुनिया भर में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के तेज़ी से होते प्रसार ने तमाम नियामकों और सरकारों को इससे संबंधित जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना दिया है।
इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए कि ये रिपोर्ट वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की उप-समिति के ‘वित्तीय स्थिरता के जोखिमों और वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन’ पर इसके सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है।
इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के टॉप 100 क्रिप्टोकरेंसी को देखा जुए तो इनका कुल बाजार मूल्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में $2.8 ट्रिलियन तक पहुंच गया है।
ऐसे में ज़ाहिर है देश के केंद्रीय बैंक को इसको लेकर तमाम चिंताए हैं और कई ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर ये चिंताए जायज़ नजर आती हैं। लेकिन इन सब के बीच देखना ये होगा कि सरकार इसको लेकर क्या रूख रखती है? और देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्या क़ानून बनाए जाते हैं?