Gig Workers Condition – Ola, Uber & Flipkart: आज तमाम बड़ी कंपनियों में लाखों गिग वर्कर्स या ‘गैर स्थायी कर्मचारी’ काम कर रहें हैं। और भारत में गिग वर्कर्स की संख्या 12 करोड़ से भी अधिक बताई जाती है।
ऐसे में ये काफ़ी अहम हो जाता है कि तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियों में उनकी स्थितियों का आँकलन होता रहे और उसको बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा सके। और अब इसी कड़ी में एक नई रिपोर्ट सामने आई है।
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ब्रिटेन आधारित FairWork Foundation ने भारत की हालिया अर्थव्यवस्था में इस साल गिग वर्कर्स की स्थितियों को लेकर एक रैकिंग सूची जारी की है, जिसमें स्थानीय ई-कॉमर्स कंपनी Flipkart ने 10 में से 7 अंक हासिल करते हुए टॉप स्थान हासिल किया है।
इसके बाद दूसरा स्थान पर होम-सर्विसेज मार्केटप्लेस Urban Company रही। वहीं BigBasket को इस लिस्ट में 10 में से 4 अंक ही मिले।
भारत में 250,000 से अधिक गिग श्रमिकों को रोजगार देने वाली Swiggy ने भी इस रैंकिंग में 10 में से 4 अंक ही प्राप्त किए हैं।
वहीं लगभग 300,000 गिग कर्मचारियों को रोज़गार दे रही Zomato ने इस रेटिंग पैमाने पर 10 में से सिर्फ़ 3 अंक ही हासिल किए हैं।
हैरान करने वाली बात ये है कि ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस Amazon, हाइपरलोकल डिलीवरी प्लेटफॉर्म Dunzo और हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म PharmEasy को इस रेंटिंग में 10 में से सिर्फ़ 1 अंक ही मिल सकें हैं।
इस लिस्ट में तीन कंपनियों को 10 में से 0 अंक तक मिले हैं। Ola और Uber ने इस लिस्ट में सबसे कम अंक हासिल किए और नीचे के पायदान पर जगह बनाई।
बता दें इस रिपोर्ट में दी गई रैंकिंग/रेटिंग का आँकलन वेतन, शर्तों, अनुबंधों, प्रबंधन और प्रतिनिधित्व जैसे 5 अहम बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसमें 11 कंपनियों का आँकलन किए जाने की बात सामने आई है।
Ola, Uber, Flipkart & more: Gig Workers Condition Fairwork India Ratings 2021
- Flipkart
- Urban Company
- Bigbasket
- Swiggy
- Zomato
- Amazon
- Dunzo
- PharmEasy
- Ola
- Porter
- Uber
वैसे रिपोर्ट में ये बात कहीं गई कि कोविड-19 के प्रभाव ने 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से गिग इकॉनमी श्रमिकों के हालातों को कठिन बना दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक़;
“कैब सेवा/मोबिलिटी जैसी सेवाओं की माँग में कमी आई है, वहीं पिछले एक साल में फ़ूड डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में गिग कर्मचारियों की माँग बढ़ी है।”
दुखद ये है कि इन 11 कंपनियों में से किसी ने भी ‘कार्यस्थल पर उचित प्रतिनिधित्व’ के मामले में एक भी अंक हासिल नहीं किया है। FairWork India के मुताबिक़ सामूहिक निकाय या ट्रेड यूनियनों के माध्यम से प्रतिनिधित्व काम में निष्पक्षता का एक आवश्यक पहलू है।
आप Fairwork India Ratings 2021 की पूरी रिपोर्ट यहाँ पढ़ सकते हैं।