MoEVing – Startup Funding News: गुरुग्राम स्थित ई-मोबिलिटी टेक प्लेटफॉर्म MoEVing ने अपने सीड फ़ंडिंग राउंड (निवेश दौर) में कुछ $5 मिलियन (लगभग ₹38 करोड़) हासिल किए हैं। कंपनी के बताया कि इस निवेश में वो $1 मिलियन भी शामिल हैं, जो इसे साल 2021 की शुरुआत में इसी दौर के हिस्से के रूप में प्राप्त हुए थे।
MoEVing ने यह निवेश उद्यमियों, निजी इक्विटी और निवेश बैंकिंग पेशेवरों और ऑटोमोटिव उद्योग के विशेषज्ञों से हासिल किया है, जो बतौर निवेशक कंपनी के साथ जुड़े हैं।
ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)
इस नए निवेश दौर में शामिल हुए निवेशकों में Aragen Life Sciences के प्रमोटर-चेयरमैन, डीएस बरार; IIFL Wealth and Asset Management के सीओओ, अंशुमान माहेश्वरी; Viyash Life Sciences के कार्यकारी निदेशक और सीओओ, डॉ श्रीहरि राजू कालिदिंडी; Vindhya Group में मैनेजिंग पार्टनर, डीएन रेड्डी; Urban Ladder के संस्थापक, आशीष गोयल; Citadel Management Consulting के संस्थापक, विजय दत्त; आदि नाम शुमार रहे।
About MoEVing
जनवरी 2021 में विकाश मिश्रा (Vikash Mishra) और मृगांक जैन(Mragank Jain) द्वारा स्थापित MoEVing प्लेटफॉर्म डिमांड साइड पर, ई-कॉमर्स, ई-किराना, एफएमसीजी, लॉजिस्टिक्स आदि क्षेत्रों से जुड़ी D2C कंपनियों को लॉजिस्टिक लागत को कम करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्यों को पूरा करने का समाधान प्रदान करता है।
वहीं सप्लाई साइड पर MoEVing इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के रास्ते में आने वाली विभिन्न बाधाओं को दूर करने में मदद करने के लिए OEMs, ड्राइवर्स, सह-मालिकों और वित्तीय संस्थानों के साथ भी काम करता है।
कंपनी वर्तमान में देश के 10 शहरों में 600 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन करती है। इसका मक़सद साल 2023 तक इस आँकड़े को देश के 30 शहरों में 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों तक ले जाने का है। साथ ही MoEVing आने वाले समय में 100 चार्जिंग हब को बढ़ाने का भी लक्ष्य लेकर चल रही है।
इस बीच नए निवेश को लेकर MoEVing के सह-संस्थापक और सीईओ विकाश मिश्रा ने कहा;
“MoEVing के ज़रिए हमारा मक़सद इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने की दर को तेज करने का है। केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और कई अन्य राज्य सरकारों की इलेक्ट्रिक वाहनों के अनुकूल नीतियों के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेज़ी भी आई है।”
“और अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमारा मानना है कि इस सफ़र का एक पड़ाव ऐसा भी आएगा जब लास्ट-माइल डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में 2025 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन ही नज़र आने लगेंगें।”
दिलचस्प ये है कि कंपनी भी मानती है कि MoEVing की रणनीति के केंद्र में ‘डेटा’ एक अहम भूमिका निभाता है। इसके वाहन वास्तविक समय (रियल टाइम) रूप से इसके टेक प्लेटफॉर्म से जुड़े होते हैं, जो उन्हें बैटरी, वाहन और चालक व्यवहार के बारे में तमाम जानकारियाँ इकट्ठा करने में मदद करते हैं।
MoEVing के प्लेटफॉर्म को इस तरह से ढाला गया है कि कम ग्राहक अडॉप्शन लागत (CAC), कम ग्राहक परेशनियाँ, व्यापार में डेटा को केंद्र में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय रूप से भी प्लेटफ़ॉर्म को बढ़ाने की सहूलियत आदि प्राप्त होते हैं।
इतना ही नहीं बल्कि इसके टेक प्लेटफ़ॉर्म की कई तमाम सेवाएँ साथ मिलकर वाहन मालिकों/चालकों को अपनी आय बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
कंपनी के सह-संस्थापक और सीएसओ, मृगांक जैन के मुताबिक,
“किसी भी फ़्लीट को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने से रूटिंग एल्गोरिदम, चार्जिंग समाधान और वित्त आदि दृष्टिकोण में भी मूलभूत परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है।”
“हम एक ड्राइवर-केंद्रित प्लेटफॉर्म का निर्माण कर रहे हैं जो डिलीवरी, चार्जिंग, फाइनेंसिंग और एनालिटिक्स सॉल्यूशंस सहित फुल-स्टैक टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस प्रदान करता है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने की प्रक्रिया सहज हो जाती है।”