PM Modi on Cryptocurrency: देश में एक ओर जहाँ क्रिप्टोकरेंसी को लेकर युवा वर्ग में दिलचस्पी लगातार बढ़ती नज़र आ रही है, वहीं अभी तक डिजिटल करेंसी को लेकर भारत कोई स्पष्ट रूख नहीं अपना सका है। लेकिन बदलते वक़्त के साथ उम्मीद ये की जा रही है कि जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत सरकार एक स्पष्ट दिशानिर्देश पेश कर सकती है।
असल में इस दिशा में सरकार की ओर से प्रयासों को तेज करने के संकेत भी मिलने लगें हैं। और अब बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी और इससे संबंधित मुद्दों को लेकर एक अहम बैठक संपन्न होने की ख़बर भी सामने आई है।
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समाचार एजेंसी ANI की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस बैठक में जिस विषय पर सबसे अधिक ज़ोर दिया गया, वह था कि किसी भी तरीक़े की क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गैर-पारदर्शी विज्ञापनों और बेबुनियाद वादों के ज़रिए युवाओं को गुमराह करने पर अंकुश लगायें जानें की ज़रूरत है।
Today’s meeting chaired by PM Narendra Modi on the way forward for cryptocurrency & related issues was a very comprehensive one. It was strongly felt that attempts to mislead the youth through over promising & non-transparent advertising be stopped: Govt sources
— ANI (@ANI) November 13, 2021
ग़ौर करने वाली बात ये है कि ये मीटिंग ऐसे वक़्त में बुलाई गई है, जब कुछ समय पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों को संभावित नुकसान के बारे में चेतावनी दी गई है।
असल में शशिकांत दास ने बुधवार को कहा कि एक व्यापाक आर्थिक व वित्तीय स्थिरता के नज़रिए से क्रिप्टोकरेंसी एक बहुत ही गंभीर विषय है।
भारत क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार जल्द ही संसद में बिल पेश करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश और दुनिया भर के कई विशेषज्ञों और इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से परामर्श भी किया है।
पर एक ओर जहाँ सरकार क्रिप्टोकरेंसी की संभावनाओं को देश में जगह दे सकती है, वहीं ये भी सच है कि अनियंत्रित मानें जाने वाले क्रिप्टो बाज़ार को लेकर सरकार का ये भी डर है कि ये मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादियों की फंडिंग का ज़रिया ना बन सके।
PM Modi on Cryptocurrency: Govt may table ‘Crypto Bill’ in Winter Session
जहाँ तक पीएम मोदी समेत अन्य कई लोगों के बीच हुई इस बैठक का सवाल है तो सामने ये भी आया है कि आने वाले दिनों में सरकार इस क्षेत्र को लेकर कुछ प्रगतिशील और दूरदर्शी क़दम उठाती नज़र आ सकती है, जिसके लिए सरकार निरंतर क्रिप्टो जगत के एक्सपर्ट्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ परामर्श करती रहेगी।
क्रिप्टोकरेंसी चूंकि अलग-अलग देशों की सीमाओं से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह महसूस किया गया कि इसके लिए ग्लोबल पार्टनरशिप और सामूहिक रणनीतियों की भी आवश्यकता होगी.
सूत्रों के अनुसार सरकार ने माना है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक विकसित तकनीक है और इसलिए सरकार इसको लेकर कड़ी नजर रखेगी और सही कदम उठानें के प्रयास करेगी।
वैसे ये भी कहा जा रहा है कि संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक व्यापक विधेयक लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है और इस बिल को तभी संसद पटल पर पेश किया जा सकता है।
साथ ही स्टैंडिंग कमेटी ऑन फ़ाईनेंस 15 नवंबर को अपनी अगली बैठक में क्रिप्टो असेट्स को लेकर भी चर्चा करने वाली है। सूत्रों का कहना है कि RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पहले ही अपने रूख से सरकार को अवगत करवा दिया है।
कुछ समय पहले ही ये ख़बर आई थी कि दिसंबर 2021 तक RBI देश में ‘ई-करेंसी’ को लॉन्च करते हुए, अपनी डिजिटल करेंसी का ट्रायल शुरू कर सकता है।