Onato (Startup Funding): ताजा उपज उत्पादों से संबंधित डेटा संचालित B2B प्लेटफॉर्म Onato ने अपने सीड फ़ंडिंग दौर में क़रीब ₹16 करोड़ (लगभग $2.2 मिलियन) का निवेश हासिल किया है।
Onato के इस निवेश दौर का नेतृत्व Vertex Ventures Southeast Asia & India ने किया, जिसमें Omnivore ने भी बतौर निवेशक भागीदारी दर्ज की।
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आप सोच रहें होंगें कि भला ये Onato स्टार्टअप करता है? तो आपको बता दें ये स्टार्टअप भारत के $100 बिलियन से भी अधिक के फलों और सब्जियों से जुड़े प्रत्यक्ष क्षेत्र के लिए एक टेक्नोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म का संचालन कर रहा है।
Onato Raises Seed Funding
बेंगलुरु आधारित इस कंपनी की शुरुआत वेदांत कटियार और आशीष जिंदल ने मिलकर इसी साल फरवरी 2021 में की थी।
इनमें से, जहाँ वेदांत कटियार एग्रीटेक स्टार्टअप Gobasco के भी सह-संस्थापक थे, वहीं आशीष ने आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई पूरी करने के बाद Amazon, Swiggy आदि दिग्गज़ कंपनियों में नौ साल से अधिक का अनुभव हासिल किया है, साथ ही वह CodeYeti के भी सह-संस्थापक रहें हैं।
इस बात में कोई शक नहीं है कि भारतीय में ताजे फलों और सब्ज़ियों से संबंधित क्षेत्र या कहें तो इंडस्ट्री ईकोसिस्टम में अक्सर मनमाने ढंग से मूल्य निर्धारण, अविश्वसनीय भुगतान प्रणाली और सप्लाई व बाजार सहभागियों के बीच रियल-टाइम डेटा तक पहुंच की कमी जैसी चीज़ें देखते को मिलती है।
और इन्हीं में से कुछ समस्याओं के हल के रूप में Onato सामने आया है, जिसका मक़सद है कि इस भारतीय क्षेत्र से जुड़े सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) को आपस में सीधे जोड़ना है।
इसके साथ कंपनी मात्रा और मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता लाने, समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और नए व्यावसायिक अवसरों तक पहुंच हासिल करने में मदद के लिए सप्लाई और डिमांड पक्ष से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल करती है।
इसका मुख्य फ़ायदा होता है कि इससे बेहतर मार्जिन के साथ छोटे और मध्यम प्रतिभागियों को बिना लोन आदि के बोझ तले दबे समय के साथ व्यापार को बढ़ाने का भी मौक़ा मिलता है।
वैसे इस स्टार्टअप की मानें तो यह प्राप्त निवेश का इस्तेमाल नई प्रतिभाओं को कंपनी के साथ जोड़ने और अपने संचालन का विस्तार करने जैसी योजनाओं में करेगा।
वहीं प्राप्त इस नए निवेश को लेकर कंपनी के सह- संस्थापक, वेदांत कटियार ने कहा;
“भारत में 60 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है और बावजूद इसके कृषि में सप्लाई चेन तंत्र में तकनीकी बदलाव बहुत कम देखने को मिलते हैं। इस अहम क्षेत्र में तमाम तरीक़े के निर्णय लेने के लिए आज भी वास्तविक डेटा आदि का इस्तेमाल कम ही होता है, जो कई ख़ामियों का कारण बनता है।”
:मेरा मानना है कि क़ीमतों में पारदर्शिता और तकनीक के ज़रिए सप्लाई चेन को सुव्यवस्थित करने से इस क्षेत्र में कुछ निर्णायक बदलाव देखनें को मिलेंगें।”
इस बीच कंपनी के अन्य सह-संस्थापक यानि आशीष जिंदल के अनुसार ऑन-ग्राउंड डेटा की शक्ति का इस्तेमाल करके मौजूदा कृषि तंत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है, जिससे किसान और उपभोक्ता, सभी वर्गों को फ़ायदा होगा।