Site icon NewsNorth

फिनटेक स्टार्टअप Hyperface ने हासिल किया लगभग $1.3 मिलियन (क़रीब ₹9 करोड़) का निवेश

fintech-startup-hyperface-raises-rs-9-cr-in-funding

Credit: Hyperface

Hyperface Funding:  कंपनियों को अपना क्रेडिट कार्ड बनाने और लॉन्च करने की सुविधा प्रदान करने वाले बेंगलुरु आधारित फिनटेक स्टार्टअप Hyperface ने निवेशकों से $1.3 मिलियन (क़रीब ₹9 करोड़) का निवेश हासिल करने में सफ़लता हासिल की है।

कंपनी ने यह निवेश CRED के संस्थापक कुणाल शाह, Better Capital और GFC जैसे निवेशकों से हासिल किया है।

ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)

प्राप्त की गई इस नई पूँजी का इस्तेमाल ये स्टार्टअप अपने तकनीकी प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने, अपने कार्ड प्रोग्राम को लॉन्च करने, अपनी टीम को व्यापाक बनाने और कुल विकास में तेजी लाने की दिशा में करेगा।

Hyperface Funding News (Hindi)

दिलचस्प रूप से इसी साल यानि 2021 में आर.वी. रामनाथन, और ऐश्वर्या जयशंकर द्वारा शुरू किया गया Hyperface एक ऐसा बैंकिंग-एज़-ए-सर्विस स्टार्टअप कहा जा सकता है जो कंपनियों को 4 से 8 हफ़्तों के भीतर अपना क्रेडिट कार्ड बनाने और लॉन्च करने में मदद करता है।

इसके संस्थापकों की मानें तो उन्होंने यह देखा कि तमाम फिनटेक, नियोबैंक और अन्य कंपनियों को अक्सर अपना खुद का क्रेडिट कार्ड प्रोग्राम शुरू करने में कठनाई का सामना करते हुए एक जटिल और लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

लेकिन Hyperface इसी प्रक्रिया को अपने प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए आसान बना देता है, जो कंपनियों को काफ़ी लुभाता है। मौजूदा समय में कंपनी CCAAS (क्रेडिट कार्ड एज़ ए सर्विस स्टैक) और BNPL ऑन प्रीपेड जैसे दो प्रोडक्ट की पेशकश करती है।

कंपनी की क्लाइयंट लिस्ट पर नज़र डालें तो इसमें ई-कॉमर्स कंपनियाँ, नियोबैंक और दिग्गज़ फिनटेक कम्पनियाँ तक शामिल नज़र आती हैं, जो प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करके अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड प्रोग्राम की पेशकश करती हैं।

See Also

आप शायद सोच रहें हो कि Hyperface के राजस्व कमाने का ज़रिया क्या है? तो बता दें कंपनी पे-एज़-यू-यूज़ राजस्व मॉडल पर आधारित है।

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बीते कुछ सालों में क्रेडिट कार्ड प्रोग्राम ई-कॉमर्स से लेकर नियोबैंक और फ़िनटेक प्लेटफ़ॉर्मों के बीच काफ़ी लोकप्रिय रहा है।

और भारत में अभी भी ई-कॉमर्स हो या नियोबैंक जगत, इनमें आपार संभावनाएँ अभी भी अंछुई सी हैं और आने वाले समय में इन क्षेत्रों का विकास और भी तेज़ी से होता नज़र आने की उम्मीद है, और इसका सीधा असर Hyperface के विकास की गति में भी झलकता नज़र आ सकता है।

Exit mobile version