संपादक, न्यूज़NORTH
Amazon or East India Company? – Panchjanya: बीते कुछ समय से विक्रेताओं आदि का विरोध और देश में कुछ क़ानूनी जाँचो का सामना कर रही अमेजन इंडिया (Amazon India) की मुश्किलें कम होती नज़र नहीं आ रही हैं। और अब कंपनी की कथित गलत प्रथाओं के ख़िलाफ़ अब व्यापाक रूप से आवाज़ उठती नज़र आ रही है।
इस कड़ी में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबंधित एक साप्ताहिक पत्रिका ‘पांचजन्य’ ने अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0’ (East India Company 2.0) तक कह डाला है।
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जी हाँ! पांचजन्य पत्रिका के ताजा संस्करण में Amazon पर लिखे गए एक लेख में कंपनी की कड़ी आलोचना की गई है। यह भी आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने अपने बिज़नेस के अनुकूल सरकारी नीतियों को तैयार करवाने के लिए रिश्वत के तौर पर करोड़ों रुपये दिए हैं।
Amazon Labelled As ‘East India Company 2.0’ By RSS-Linked Weekly Panchjanya
पीटीआई के हवाले से सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, संभावित रूप से 3 अक्टूबर को स्टैंड आदि पर पेश होने जा रहे पांचजन्य पत्रिका के लेटेस्ट संस्करण में इस बार अमेज़ॅन पर कवर स्टोरी की गई है। वैसे ये इसलिए भी दिलचस्प हो सकता है क्योंकि 3 अक्टूबर को ही Amaozn अपना Great Indian Festival 2021 शुरू करने जा रहा है।
पांचजन्य ने ‘ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0’ शीर्षक के साथ इस लेख में लिखा;
“18वीं शताब्दी में भारत पर कब्जा करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने जो कुछ किया, आज Amazon भी कुछ वैसा ही करता नज़र आ रहा है।”
पत्रिका में छपे लेख के अनुसार, कंपनी पर आरोप लगाए गए हैं कि Amazon भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहता है और इसके लिए कंपनी ने देश के लोगों की आर्थिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को ख़त्म करने का काम शुरू कर दिया है।
इतना ही नहीं बल्कि Amazon Prime Video प्लेटफॉर्म को लेकर भी लेख में कहा गया है कि प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद फिल्में और टेलीविजन सीरीज़ भारतीय संस्कृति के खिलाफ और उस पर सीधा हमला करती नज़र आती हैं।
और तो और कंपनी पर ये भी आरोप लगाया गया है कि अमेज़ॅन ने कई प्रॉक्सी संस्थाओं की स्थापना की है और ऐसी कई रिपोर्ट भी सामने आई हैं कि कंपनी ने अपने पक्ष में सरकारी नीतियों को ढालने के लिए रिश्वत के रूप में करोड़ों रुपए बाँटे हैं।
देखा जाए तो बीता कुछ समय Amazon India के लिए बहुत अच्छा साबित नहीं रहा है। फिर हम बात करें चाहें Amazon vs Future Group-Reliance को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई की या फिर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा की जा रही जाँच की।
हाल ही में ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनके अनुसार अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon ख़ुद ने भारत में अपने कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा कथित रिश्वत बाँटनें के मुद्दे को लेकर जांच शुरू की है। कंपनी ने साल 2018 से 2020 के दौरान भारत में अपनी मौजूदगी बनाए रखने के लिए अकेले कानूनी खर्च के रूप में ही क़रीब ₹8,546 करोड़ (लगभग $1.2 बिलियन) खर्च किए हैं।
ख़ैर! ये मामला अब राजनैतिक रूप से भी तूल पकड़ने लगा है, क्योंकि देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अमेज़ॅन से जुड़े कथित रिश्वत मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाने की मांग उठाई है।
बता दें इसके पहले आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भी व्यापारियों के हितों के लिए हानिकारक कानूनों को दरकिनार करने और अनैतिक व्यापार प्रथाओं में लिप्त होने के लिए Amazon जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्मों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।