Bitcoin falls as China bans cryptocurrency: चीन केंद्रीय बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (People’s Bank of China) ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए सभी तरह के क्रिप्टोकरेंसी ट्राज़ैक्शन को अवैध घोषित कर दिया।
चीन के केंद्रीय बैंक ने कहा कि किसी भी तरीक़े की क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सभी लेनदेन अवैध हैं और क्रिप्टो लेनदेन को लोगों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक गंभीर ख़तरा भी बताया।
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हम सब जानते हैं कि चीन वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी बाज़ारों में से एक रहा है, और इसका ज़िक्र कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी सामने आता रहा है। ऐसे में चीन के केंद्रीय बैंक के इस ऐलान का असर दुनिया भर की क्रिप्टोकरेंसी पर दिखने लगा है।
China bans cryptocurrency transactions, bitcoin and Ether falls
आलम ये है कि चीनी की घोषणा के बाद से Bitcoin की क़ीमत क़रीब $2,000 (लगभग ₹1,47,500) से भी अधिक कम हो चुकी है।
तमाम रिपोर्ट्स के अनुसार, एक ओर बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत 4% से अधिक गिरते हुए जहाँ $42,378 तक पहुँच गई, वहीं दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) की कीमत में 8% तक की गिरावट देखने को मिली है।
वैसे ऐसा नहीं है कि चीन ने अचानक से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रूख सख़्त किया हो। असल में इसके पहले भी चीन कई बार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्त रवैया अपनाता नज़र आया है। और इसने कुछ समय पहले ही देश में क्रिप्टो माइनिंग को लेकर कई कड़े कदम उठाए थे।
पर अब चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने ये साफ़ कर दिया है कि वह क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग को बढ़ावा देने वाले फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, पेमेंट कंपनियों और इंटरनेट कंपनियों पर पाबंदी लगाएगा।
दिलचस्प रूप से BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 से ही चीन ने देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन विदेशी एक्स्चेंज के ज़रिए ऑनलाइन क्रिप्टो लेनदेन जारी रहा।
बैंकों और पेमेंट प्लेटफार्मों को इस साल जून में ही चीनी सरकार की ओर से क्रिप्टो लेनदेन की सुविधा को बंद करने के निर्देश दिए गए थे। इतना ही नहीं, बल्कि चीन द्वारा क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पर की गई कार्रवाई के बाद बिटकॉइन माइनिंग में तेज गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि देश के अधिकतर माइनिंग डिवाइस ऑफ़लाइन हो गए थे।
लेकिन आख़िर चीन ऐसा कर क्यों रहा है? इसके पीछे जानकारों का एक तर्क ये रहा है कि देश को डिजिटल करेंसी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वैश्विक मंदी की आशंका रही है और इसलिए ऐसी किसी स्थिति के पहले ही चीन कोई ठोस कदम उठाना चाहता है।
वैसे ये भी सामने आया है कि चीन का केंद्रीय बैंक अपनी ख़ुद की डिजिटल करेंसी तैयार करने को लेकर काम कर रहा है।
इस बीच माना ये जा रहा है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व और भारत जैसे देशों में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ सख़्त व ठोस क़ानून जल्द बनाए जा सकते हैं, लेकिन इन देशों में पूर्णतः बैन की उम्मीद कम है।