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‘फ़ेंक न्यूज़’ पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने Telegram में बनाया फ़ैक्ट-चेकिंग अकाउंट

Telegram Premium Paid plan

Indian Govt Account on Telegram: WhatsApp के प्राइवेसी विवाद के बाद से भारत में लोगों ने तेज़ी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम (Telegram) का रुख़ किया है। लेकिन अब Telegram की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही साथ, प्लेटफ़ॉर्म पर अफ़वाहों का बाज़ार भी बढ़ने लगा है, जिस पर अब भारत सरकार अंकुश लगाना चाहती है।

जी हाँ! और इसी कड़ी में अब केंद्रीय सूचना और प्रसारण (I&B) मंत्रालय ने Telegram में अपना आधिकारिक अकाउंट लॉन्च किया है।

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इस Telegram चैनल को PIB (Press Information Bureau) Fact Check नाम से लॉन्च किया गया है, जिसका मुख्य मक़सद केंद्र सरकार से संबंधित जानकारी को सत्यापित करना और उनको सब्स्क्राइबर्स के बीच प्रसारित करने से संबंधित है।

जानकारी के लिए बता दें नवंबर 2019 में स्थापित की गई ‘पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check)’ असल में भारत सरकार की एकमात्र फैक्ट-चेकिंग शाखा है। WhatsApp पर पहले से ही इसका आधिकारिक चैनल मौजूद है।

Indian Govt Opens Fact-Checking Account On Telegram

Telegram पर अपने आधिकारिक आगाज की जानकारी देते हुए PIB की ओर से ट्वीट करते हुए कहा गया;

“हमारे नाम पर चल रहे फर्जी टेलीग्राम चैनलों का फंडाफोड़ने के बाद अब हम खुद भी टेलीग्राम पर आधिकारिक रूप से शुरुआत कर रहें हैं। हां, #PIBFactCheck अब आधिकारिक तौर पर टेलीग्राम पर उपलब्ध है।”

बता दें आप PIB के इस आधिकारिक Telegram चैनल से http://t.me/PIB_FactCheck पर जाकर जुड़ सकते हैं और भारत सरकार से संबंधित सभी लेटेस्ट फ़ैक्ट-चेक प्राप्त कर सकतें हैं।

असल में तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फैक्ट चेकिंग के नाम पर टेलीग्राम पर फर्जी PIB चैनल चल रहे थे। लेकिन अब PIB ने Telegram के साथ मिलकर इन फ़र्ज़ी चैनलों पर कार्यवाई कर इन्हें प्लेटफ़ॉर्म से हटवा दिया है।

इस बीच सेंसर टॉवर के आंकड़ों पर गौर करें तो, Telegram के वैश्विक रूप से हुए कुल डाउनलोड में भारत की क़रीब 22% हिस्सेदारी है। मतलब साफ़ है कि Telegram के लिए भारत उसके कुछ सबसे बड़े बाज़ारों में से एक है।

ये कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत अब उन टॉप देशों में शुमार नज़र आने लगा है, जहाँ यूज़र्स अत्यधिक मात्रा में व्हाट्सएप (WhatsApp) या अत्यधिक एन्क्रिप्टेड होने का दावा करने वाले टेलीग्राम (Telegram) जैसे इंस्टेंट मोबाइल मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए फ़िशिंग अटैक का सामना कर रहे हैं।

इस बीच नए आईटी नियम, 2021 के तहत देश में 50 लाख से अधिक यूज़र्स वाले सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म या कहें तो बिचौलियों को मासिक रूप से अपनी कम्प्लाइयन्स रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी।

पर गौर करने वाली बात ये है कि Telegram ने अभी तक मासिक कम्प्लाइयन्स रिपोर्ट जारी नहीं की है जबकि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 1 या 2 रिपोर्ट तक पेश कर चुके हैं।

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