PLI Scheme for Drones: भारत सरकार ने देश में विनिर्माण या कहें तो मैन्युफ़ैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कम्पोनेंट और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए ₹26,058 करोड़ की पीएलआई (प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव) या उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम को मंज़ूरी दे दी है।
15 सितंबर को इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की ओर से दी गई, और उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन दो क्षेत्रों के लिए भी पीएलआई स्कीम (PLI Scheme) को मंज़ूर कर दिया है।
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सरकार की पीएलआई स्कीम के तहत अब इन क्षेत्रों को शामिल किए जाने से भारत की बेहतरीन ऑटोमोटिव तकनीक को वैश्विक सप्लाई चेन का व्यापाक हिस्सा बनाने में मदद मिलेगी।
माना ये जा रहा है कि आगामी समय में इस कदम की वजह से 7.6 लाख से अधिक लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी मिलते नज़र आएँगें।
असल में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय को के बारे में बताते हुए अनुराग ठाकुर ने ये भी जानकारी दी कि संबंधित क्षेत्रों को क़रीब पांच सालों में ₹26,058 करोड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
साथ ही केंद्रीय मंत्री ने ये भी दावा किया कि सरकार की पीएलआई स्कीम के तहत आगामी पांच सालों में लगभग ₹42,500 करोड़ से अधिक का कुल निवेश किया जाएगा और इसके चलते क़रीब ₹2.3 लाख करोड़ से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन दर्ज किए जाने की उम्मीद है।
The PLI scheme has a budgetary provision of Rs 26,058 crores – Rs 25,938 crores for the auto sector and Rs 120 crores for the drone industry: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/CbSeHiAtoW
— ANI (@ANI) September 15, 2021
Benefits of PLI Scheme for Drones Industry
दिलचस्प ये है कि सरकार ने PLI Scheme के तहत दिए जाने वाले लाभ में ड्रोन जगत को भी शामिल किया है। इसका कारण स्वाभाविक सा है।
असल में पिछले ही महीने सरकार की ओर से नए ड्रोन नियमों को पेश किया गया, जो काफ़ी उदार रूख के साथ पेश किए गए।
और नए नियमों के चलते अब उड्डयन मंत्रालय को उम्मीद है कि अगले तीन सालों में ड्रोन मैन्युफ़ैक्चरिंग क्षेत्र क़रीब ₹5,000 करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित करेगा और इसके ज़रिए 10,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इतना ही नहीं बल्कि मंत्रालय को ये भी उम्मीद है कि ड्रोन मैन्युफ़ैक्चरिंग इंडस्ट्री का वार्षिक बिक्री कारोबार 2020-21 में ₹60 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में ₹900 करोड़ से अधिक हो जाएगा।
ऐसे में पीएलआई स्कीम के तहत तीन वित्तीय वर्षों के दौरान ड्रोन और ड्रोन कम्पोनेंट के लिए ₹120 करोड़ आवंटित किए जाएँगें। ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन राशि वैल्यू एडिशन का 20% होगा।
सभी तीन वर्षों के लिए लगातार 20% पर पीएलआई दर सिर्फ़ ड्रोन इंडस्ट्री में ही देखने को मिलती है, क्योंकि अन्य क्षेत्रों के लिए पीएलआई स्कीम में, पीएलआई दर हर साल कम हो जाती है।
सरकार ने सालाना बिक्री कारोबार के मामले में MSMEs और स्टार्टअप के लिए पात्रता मानदंड ₹2 करोड़ (ड्रोन के लिए) और ₹50 लाख (ड्रोन घटकों के लिए) तय किया है।
वहीं वार्षिक बिक्री कारोबार के मामले में गैर-MSME कंपनियों के लिए पात्रता मानदंड ₹4 करोड़ (ड्रोन के लिए) और ₹1 करोड़ रुपये (ड्रोन घटकों के लिए) तय किया गया है।