संपादक, न्यूज़NORTH
Indian startups raise $16.9 billion VC funding in 2021: भारत में तेज़ी से बढ़ता स्टार्टअप्स का बाज़ार, ना सिर्फ़ नए ग्राहकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है, बल्कि वेंचर कैपिटल फर्मों को भी काफ़ी लुभा रहा है। इसका स्पष्ट कारण भी है क्योंकि आबादी के लिहाज़ से भारतीय तकनीकी व इंटरनेट बाज़ार में अभी आपार संभावनाओं को खँगालना बाक़ी कहा जाता है।
इस बीच, निवेशकों के भारतीय स्टार्टअप्स की ओर रुझान के तथ्य पर मोहर लगाते हुए एक और रिपोर्ट सामने आई है।
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शुक्रवार को दिग्गज़ डेटा और एनालिटिक्स कंपनी, GlobalData की ओर से ये बताया गया है कि भारतीय स्टार्टअप्स साल 2021 में $16.9 बिलियन की वेंचर कैपिटल फंडिंग हासिल कर चुके हैं, जो एशिया-प्रशांत (APAC) देशों में चीन के बाद सबसे अधिक है।
GlobalData की मानें तो
“कोविड-19 महामारी की निरंतर लहर के चलते बड़े और धीमें आर्थिक सुधारों के बावजूद वेंचर कैपिटल (VC) निवेशक भारतीय स्टार्टअप ईकोसिस्टम में विश्वास व्यक्त कर रहे हैं।”
“असल में जनवरी से जुलाई, 2021 के दौरान भारतीय स्टार्टअप वीसी फंडिंग के मामले में देश अन्य APAC देशों से तुलना करने पर चीन के बाद दूसरे स्थान पर खड़ा नज़र आता है।”
Indian startups raise $16.9 billion VC funding in 2021
GlobalData के वित्तीय सौदों के डेटाबेस का विश्लेषण करने से पता चलता है कि जनवरी से लेकर जुलाई 2021 के दौरान भारत में कुल 828 वीसी फंडिंग सौदें (VC Funding Deals) दर्ज की गए।
वही अगर इन सौदों में उन सब डीलों का आँकलन किए जाए, जिनमें प्राप्त धनराशि का ख़ुलासा किया गया है, तो उपरोक्त अवधि के दौरान $16.9 बिलियन का निवेश भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा हासिल किया गया है।
जनवरी से जुलाई, 2021 के दौरान अगर कुछ अहम वीसी सौदों पर नज़र डालें तो इस लिस्ट में Flipkart द्वारा हासिल किया गया $3.6 बिलियन का निवेश, Mohalla Tech (ShareChat) द्वारा हासिल $502 मिलियन का निवेश, Zomato द्वारा $500 मिलियन का कैपिटल, और Think and Learn (Byju’s) को मिला $460 मिलियन का निवेश गिना जा सकता है।
सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, GlobalData के प्रमुख एनालिस्ट, ऑरोज्योति बोस (Aurojyoti Bose) के अनुसार
“एक तरफ़ वैश्विक स्तर पर कुछ प्रमुख बाजारों में पिछले महीने की तुलना में जुलाई में वीसी फंडिंग मूल्य में गिरावट देखी गई वहीं भारत वीसी फंडिंग सौदों के वॉल्यूम में गिरावट के बावजूद देश कुल वीसी फ़ंडिंग स्तर पर विकास दर्ज करने में कामयाब रहा।”
वैसे इस बात को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता है कि भारत में दूर-दराज के इलाक़ों में भी तेज़ी से बढ़ती स्मार्टफोन की पहुंच और किफायती मोबाइल इंटरनेट पैक आदि के चलते भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का स्वरूप काफ़ी रफ़्तार से बदलना शुरू हुआ है।
इंटरनेट और सस्ते स्मार्टफ़ोनों की उपलब्धता बढ़ने से टेक स्टार्टअप्स को देश में अपने अपने ग्राहक आधार तलाशने में आसानी होती है और ऐसा करने पर निवेशक भी उन पर आसानी से भरोसा दिखा पाते हैं।
इस बीच बोस ने आगे बताया कि GlobalData के रिसर्च में ये भी सामने आया है कि अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा टेक यूनिकॉर्न स्टार्टअप ईकोसिस्टम बन गया है।
ग़ौर इस बात भी करना होगा कि कोविड-19 के चलते बनी लॉकडाउन जैसी परिस्थितियों के दौरान देश में ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया नेट्वर्किंग प्लेटफ़ॉर्म, फ़ूड डिलीवरी, एडटेक और डिजिटल पेमेंट जैसे क्षेत्रों से जुड़े स्टार्टअप्स की ओर निवेशकों ने अधिक रुझान किया है।