Facebook Metaverse: हम सबने अक्सर फ़िल्मों आदि में एक वर्चूअल दुनिया के बारें में देखते ही हैं, जहाँ हम वर्चूअल तरीक़े से दोस्तों के साथ वक़्त बिता सकते हैं, कहीं घूम सकते हैं, कोई काम कर सकते हैं या और भी कई चीज़ें। लेकिन अब तक ये सब सिर्फ़ एक साइंस फ़िक्शन स्टोरी की तरह ही लगता है, पर फेसबुक (Facebook) के सीईओ, मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) अब इसको वास्तविकता का रूप देने जा रहें हैं, वो भी ‘मेटावर्स (Metaverse)’ के रूप में।
जी हाँ! फेसबुक (Facebook) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अब अपने “मेटावर्स (Metaverse)” प्लान का ऐलान किया है, जिसके चलते वह फेसबुक और इंटरनेट के भविष्य को एक अहम मोड़ देना चाहते हैं – एक वर्चूअल वर्ल्ड बना कर।
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असल में फेसबुक द्वारा तिमाही आय रिपोर्ट जारी करने के तुरंत बाद कंपनी ने ये ऐलान किया कि इसके Metaverse पर काम करने के लिए इंस्टाग्राम (Instagram) के विशाल शाह के नेतृत्व में एक प्रोडक्ट टीम बनाई जाएगी, जो फेसबुक के वर्चुअल रियलिटी ग्रुप, रियलिटी लैब्स (Reality Labs) का ही हिस्सा होगी।
Facebook Metaverse क्या है?
मार्क जुकरबर्ग के मुताबिक़ फेसबुक मेटावर्स (Facebook Metaverse) लोगों को बेहतरीन सोशल टेक्नोलॉजी का उदाहरण पेश करते हुए वर्चूअल अनुभव के तहत एक ऐसा डिजिटल स्पेस प्रदान करेगा, जहाँ आप अन्य लोगों के साथ उपस्थित हो सकते हैं।
आसान भाषा में कहें तो ‘मेटावर्स (Metaverse)’ एक ऐसा वर्चूअल वर्ल्ड होगा, जिसमें कंप्यूटर इफेक्ट के जरिए लोगों को कई तरह की सुविधाएँ दी जाएँगी और लोग घर बैठे ही वर्चूअल रूप से पूरी दुनिया घूम सकेंगें।
मार्क जुकरबर्ग का दावा है कि आगामी 5 सालों में फेसबुक को पूरी तरह वर्चुअल दुनिया में बदलनें का प्रयास किया जाएगा, जिससे लोग एक स्थान पर न होते हुए भी अन्य लोगों की उपस्थित को महसूस कर सकें।
असल में मेटावर्स (Metaverse) को “इंटरनेट की अगली पीढ़ी और कंपनी के एक नए अध्याय” के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
Facebook का Oculus डिवीजन, जो पहले से ही Augmented Reality (AR) और Virtual Reality (VR) जैसी तकनीकों का महारथी माना जाता है, वह इस Metaverse के सपने को पूरा करने में अहम रोल निभाता नज़र आएगा।
इसको लेकर फेसबुक के Andrew Bosworth ने एक पोस्ट में लिखा है कि जब Oculus और Portal लोगों को नई वर्चूअल दुनिया और अनुभवों में टेलीपोर्ट करनें में समर्थ हैं, जिसके ज़रिए भौतिक सीमाओं को दूर कर वर्चूअल कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा सकता है।
वैसे ज़ाहिर है फेसबुक अपने इस मेटावर्स प्रोजेक्ट पर अरबों खर्च कर रही है। और दिलचस्प बात ये है कि कंपनी के Metaverse तक पहुँच हासिल करने के लिए आपको किसी विशेष डिवाइस की ज़रूरत नहीं होगी। आप अपने अधिकांश मौजूदा डिवाइसों पर ही इस सुविधा का इस्तेमाल कर पाएँगें।
ऐसा इसलिए क्योंकि Facebook अनुमान के मुताबिक़ अपने Metaverse के ज़रिए महँगे VR और AR तकनीकों या डिवाइसों को बेचनें का मन नहीं बना रहा है, बल्कि इसके बजाए वह करोड़ों यूज़र्स तक पॉकेट-फ्रेंडली रूप से एक सोशल प्रोडक्ट को पेश करना चाहता है।