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Pegasus जासूसी कांड: कथित रूप से राजनेताओं, पत्रकारों सहित 300 भारतीय बने शिकार

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Credits: Wikimedia Commons

Pegasus Project: पेगासस (Pegasus) का ज़िक्र दुनिया भर की सुर्ख़ियों में होने लगा है। बीते कुछ समय से दुनिया भर में एक ओर जहाँ ‘डेटा प्राइवेसी’ और इंटरनेट पर ‘यूज़र सेफ़्टी’ जैसे विषय काफ़ी चर्चा का विषय बने हैं, वहीं फ्रांस की संस्था Forbidden Stories और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty international) के एक खुलासे ने फिर से इन विषयों पर बहस तेज कर दी है।

असल में तमाम मीडिया हाउस की रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इजरायल की कंपनी NSO Group के स्पाइवेयर (Spyware) पेगासस (Pegasus) के जरिए दुनिया भर में पत्रकारों, नेताओं, व्यापारियों सहित कई लोगों की जासूसी कराई जा रही हैं।

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लेकिन ग़ौर करने वाली बात ये है कि Wire सहित अन्य कई मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार, इस लिस्ट में लगभग 300 भारतीयों की भी जासूसी करने का आरोप है, जिसमें 2 कैबिनेट मंत्री, क़रीब 40 भारतीय पत्रकार, व्यापारी, वैज्ञानिक, सरकारी अधिकारी व अन्य शामिल हैं।

Pegasus Project: क्या है Pegasus?

आपमें से शायद कुछ लोग सोच रहें होंगें कि Pegasus आख़िर है क्या? बता दें पेगासस (Pegasus) एक मैलवेयर/स्पाइवेयर है, जिसके इस्तेमाल से हैकर को स्मार्टफोन के माइक्रोफोन, कैमरा, मैसेज, ईमेल, पासवर्ड, और लोकेशन जैसे डेटा का एक्सेस मिल जाता है।

लेकिन ये और ख़तरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि Pegasus के ज़रिए हैकर्स को एन्क्रिप्टेड ऑडियो स्ट्रीम सुना और एन्क्रिप्टेड मैसेज को पढ़ा जा सकता है।

कहा जाता है कि पहले Pegasus को किसी फ़ोन पर इंस्टॉल करने के लिए एक हैकर को यूज़र्स के फ़ोन पर एक लिंक भेजना पड़ता था, और ये ज़रूरी होता था कि यूज़र उस लिंक पर क्लिक करे।

लेकिन अब समय के साथ ये स्पाइवेयर और अपडेट हो गया है और अब इसे केवल एक व्हाट्सएप मिस्ड कॉल (WhatsApp Missed Call) के ज़रिए ही डिवाइस में इंस्टॉल किया जा सकता है। जी हाँ! सिर्फ़ एक मिस्ड कॉल। 

NSO Group की मानें तो इस प्रोग्राम को केवल सरकारी एजेंसियों को बेचा गया है और इसका उद्देश्य आतंकवाद और अपराध के खिलाफ लड़ना है। लेकिन ज़ाहिर है कि सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अब कई देशों में लोगों पर जासूसी करने के इरादे से भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

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पेगासस प्रोजेक्ट (Pegasus Project) के तहत ऊपर बताई गई एजेंसियों द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार, इस स्पाइवेयर के ज़रिए जासूसी का शिकार हुए लोगों की लिस्ट में क़रीब 50,000 फोन नंबर शामिल हैं।

लेकिन भारत में ये विषय अहम इसलिए हो गया क्योंकि इन शिकार देशों की सूची में भारत टॉप 10 सबसे अधिक प्रभावित देशों की लिस्ट में शामिल है। इस लिस्ट में टॉप पर मैक्सिको है, जिसमें क़रीब 15,000 लोगों की जासूसी किए जाने की बात सामने आई है।

कहा ये जा रहा है कि The Wire के सिद्धार्थ वर्धराजन और रोहिणी सिंह, The Hindu की विजेता सिंह और स्वतंत्र पत्रकार प्रेम शंकर झा और स्वाति चतुर्वेदी सभी इस नए हमले का शिकार बने हैं।

लेकिन हम साफ़ कर दें कि अभी तक ये साफ़ नहीं किया गया है कि पेगासस के ज़रिए लक्ष्य बनाए गए लोगों को ट्रैक करने या उनके डिवाइस हैक करने के प्रयास सफ़ल रहें हैं या नहीं?

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