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WhatsApp को CCI द्वारा दिए गए ‘नोटिस’ पर ‘स्टे’ लगाने से ‘दिल्ली हाईकोर्ट’ ने किया इनकार

WhatsApp को CCI द्वारा दिए गए ‘नोटिस’ पर ‘स्टे’ लगाने से ‘दिल्ली हाईकोर्ट’ ने किया इनकार

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Delhi High Court on WhatsApp vs CCI: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा सोशल मीडिया कंपनी Facebook और WhatsApp को 4 जून, 2021 को पहले ही आदेश की जा चुकी जाँच के संबंध में दिए गए नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

बता दें इस नोटिस में CCI ने मार्च में दिए गए जाँच के आदेश को लेकर WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को देखने के लिए कुछ दस्तावेज (Documents) मांगे थे।

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दिल्ली हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच के जस्टिस अनूप जयराम भंभानी और जस्टिस जसमीत सिंह ने साफ़ शब्दों में WhatsApp की इस याचिका को लेकर कहा;

“हम CCI के डायरेक्टर जनरल (DG) से सिर्फ़ इतना कहेंगें कि अपीलकर्ता (WhatsApp) के खिलाफ जांच इस अदालत की डिवीजन बेंच के समक्ष न्यायिक विचाराधीन है, वह इस बात का ध्यान रखें।”

अदालत ने यह भी कहा कि उसे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि DG द्वारा स्वत: संज्ञान मामले में इस तरह का नोटिस देना प्रारंभिक जांच को आगे बढ़ाने का ही एक कदम है। और इसलिए Letter Patents Appeal (LPA) में ये जांच चुनौती का विषय है।

लेकिन अदालत ये इस बात पर भी अपना रूख साफ़ करते हुए कहा कि मौजूदा स्तर पर कोर्ट को 4 जून, 2021 को जारी किए गए नोटिस पर स्टे लगाना उचित नहीं लग रहा है, इसलिए अदालत ने WhatsApp की अपील नामंज़ूर कर दी है।

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Credits: Wikimedia Commons

बता दें WhatsApp LLC की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे पेश हुए। उन्होंने अदालत से का कि मौजूदा LPA दिल्ली हाईकोर्ट की ही एक खंडपीठ के समक्ष लंबित है। लेकिन इसको लेकर DG ने 4 जून, 2021 को नोटिस जारी किया है, जिसमें अपीलकर्ता से जानकारी और कुछ प्रश्नों के उत्तर की मांग की गई, जो पहले से ही LPA में चुनौती का विषय हैं। इसलिए WhatsApp के अनुसार, मामला विचाराधीन होते हुए DG द्वारा ऐसा नोटिस देना उचित नहीं है।

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साथ ही हरीश साल्वे ने अदालत को यह भी बताया कि इसी से संबंधित एक चुनौती का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी फ़िलहल विचाराधीन है।

वहीं CCI की ओर से कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल, अमन लेखी पेश हुए। उन्होंने कहा कि 4 जून, 2021 को नोटिस जारी करना पूरी तरह से चल रही जांच को आगे बढ़ाने के लिए क़ानून के तहत की गई प्रक्रिया का ही हिस्सा था। लेखी के अनुसार कम से कम 9 जुलाई को नियमित बेंच के सामने होने वाली सुनवाई की अगली तारीख से पहले रिपोर्ट पूरी नहीं की जा सकेगी।

आपको बता दें Facebook और WhatsApp द्वारा दायर ये याचिका एक लंबित मामले को लेकर की गई थी, जिसमें CCI के 24 मार्च को जारी एक आदेश को चुनौती दी गई थी। इस आदेश में CCI ने WhatsApp की विवादित नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच का आदेश दिया था।

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