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दिग्गज़ फ़ोन ब्रांड OnePlus और Oppo आधिकारिक रूप से हुए ‘एक’

दिग्गज़ फ़ोन ब्रांड OnePlus और Oppo आधिकारिक रूप से हुए ‘एक’

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OnePlus Oppo Merger: स्मार्टफ़ोन में ‘बजट’ और ‘प्रीमियम’ के बीच भी कोई ‘बजट-प्रीमियम’ सेगमेंट नाम की चीज़ होती है, इसका एहसास कम से कम भारत में लोगों को वनप्लस (OnePlus) ने ही करवाया है। और कहानी अब और भी दिलचस्प हो गई है, क्योंकि OnePlus ने आधिकारिक रूप से ओप्पो (Oppo) के साथ अपने मर्जर (विलय) का ऐलान कर दिया है।

इसकी शुरुआत वनप्लस (OnePlus) ने इस साल की शुरुआत से ही कर दी थी, जब इसने अपने RnD विभाग को Oppo के साथ मिला दिया था।

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वैसे ये बात किसी से छिपी नहीं है कि वनप्लस (OnePlus) चीन की दिग्गज़ इलेक्ट्रॉनिक कंपनी BBK Electronics का हिस्सा है। और गौर करने वाली बात ये है कि लोकप्रिय लो-बजट स्मार्टफोन ब्रांड ओप्पो (Oppo), वीवो (Vivo), रियलमी (Realme) और iQoo पर भी BBK का ही मालिकाना हक़ है।

लेकिन OnePlus ने शुरू से ही प्रोडक्ट डेवलपमेंट, सेल्स और मार्केटिंग आदि के लिए अलग टीम के साथ स्वतंत्र तरीक़े से काम किया है। और शायद यही वजह ही वनप्लस (OnePlus) के साथ सामान्यतः आप ‘चीन’ का टैग जुड़ते नहीं पाएँगें, जो अक्सर चीन के अधिकतर स्मार्टफोन ब्रांड के साथ होता है।

OnePlus Oppo Merger: क्या हैं मायनें?

लेकिन अब ये अलग टीम की प्रथा कंपनी ख़त्म करने जा रही है। जी हाँ! इस OnePlus और Oppo मर्जर के ऐलान के बाद से ऐसा लगभग तय माना जा रहा है कि ये दोनों ब्रांड सेल्स, मार्केटिंग आदि क्षेत्रों में एक कॉमन टीम के साथ काम करते नज़र आएँ।

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Credit: Wikimedia Commons

असल में कंपनी के अधिकारिक फ़ोरम में एक पोस्ट के ज़रिए, वनप्लस (OnePlus) के संस्थापक और सीईओ, पीट लाउ (Pete Lau) ने बताया कि वनप्लस अपने संचालन को ओप्पो के साथ मिलाने जा रही है।

लेकिन दिलचस्प ये है कि उन्होंने साफ़ किया कि कंपनी अभी भी स्वतंत्र रूप से बाजार में प्रोडक्ट निकालती रहेगी। Pete Lau ने कहा;

“मुझे विश्वास है कि यह नया परिवर्तन हमारी वनप्लस कम्यूनिटी और ग्राहकों दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।”

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OnePlus और Oppo मर्जर का ग्राहकों पर असर?

बात ये है कि Oppo और OnePlus के एक साथ आने से दोनों कंपनियों को अब तकनीक, हार्डवेयर व सॉफ़्टवेयर क्षेत्र में और अधिक संसाधनों तक पहुँच मिल सकेगी। और ज़ाहिर है अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा फ़ायदा ग्राहकों को ही होगा।

इतना तो साफ़ है कि दोनों ब्रांड भले आंतरिक स्तर पर अपनी टीमों को मिलाने जैसे क़दम उठाएँ, लेकिन बाज़ार में दोनों अलग-अलग ब्रांड के तहत अभी भी प्रोडक्ट पेश करते रहेंगें।

वैसे क़यास ये लगाए जा रहें हैं कि OnePlus अब अपने अगले प्रोडक्ट लॉन्च के साथ वैश्विक बाजार में OxygenOS की जगह ColorOS को दे सकती है। लेकिन इसको लेकर अभी कुछ भी आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है। यह मात्र अकटलें हैं।

पर इसमें कोई शक नहीं कि अब तक अपने डिज़ाइन से लेकर सॉफ़्टवेयर तक में लोगों को लुभाने वाला OnePlus भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में काफ़ी तेज़ी से लोकप्रिय हुआ है।

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