Amazon India + Flipkart vs CCI: आज देश में संचालन करने वाली दो सबसे बड़ी ई-कॉमर्स दिग्गज़ को तब बेहद झटका लगा, जब कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज अमेज़ॅन इंडिया (Amazon India) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) की एक याचिका को खारिज कर दिया। असल में इस याचिका में इन कंपनियों ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच को रद्द करने की मांग की थी।
असल में आज शुक्रवार को न्यायमूर्ति पीएस दिनेश कुमार ने इन दोनों कंपनियों की याचिका को ख़ारिच करते हुए अब CCI के लिए इन कंपनियों के खिलाफ़ जांच को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ कर दिया है।
ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)
इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ Flipkart की तरफ़ से एक वरिष्ठ वकील ने CCI जांच पर अंतरिम रोक को दो सप्ताह और बढ़ाने की मांग भी की, लेकिन हाईकोर्ट ने इसको भी ख़ारिच कर दिया।
लेकिन सूत्रों के हवाले से ख़बर ये भी है कि फ्लिपकार्ट (Flipkart) और अमेज़न इंडिया (Amazon India) दोनों इस आदेश को चुनौती देने का मन बना रहें हैं, जो स्वाभाविक सा क़दम लगता है।
क्या है Amazon India और Flipkart के ख़िलाफ़ CCI जाँच जा मामला?
आपको याद दिला दें कि CCI ने बीते जनवरी में इन दोनों ई-कॉमर्स दिग्गजों के खिलाफ जांच का आदेश दिया था, और इसके पीछे वजह ये बताई गई थी कि प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 26 (1) के तहत जांच शुरू करने के लिए CCI को ‘प्रथम दृष्टया’ सबूत मिले हैं।
असल में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) और दिल्ली व्यापार महासंघ (DVM) जैसे व्यापारी संगठनों का ये आरोप था कि ये दोनों ई-कॉमर्स कंपनियाँ ग्राहकों को भारी छूट और चुनिंदा विक्रेताओं को लाभ पहुँचाने जैसे तरीक़ों का इस्तेमाल करके, बड़े पैमानें पर सामान्य व्यापारियों को नुक़सान पहुँचा रहें हैं।
ज़ाहिर है इसके बाद इन दोनों कंपनियों ने इस जाँच के बचने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख़ किया, जिसने बीते फरवरी में जांच पर अंतरिम रोक लगा दी थी। जिसके बाद CCI ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने CCI को वापस कर्नाटक हाईकोर्ट भेज दिया। और अब आज हाईकोर्ट ने ये नया कदम उठाया है।
इस बीच CAIT ने इस फ़ैसले का स्वागात किया है। और साथ ही यह भी कहा है कि Amazon और Flipkart के बिजनेस मॉडल पूरी तरह से FDI नीति, नियमों और अन्य कानूनों का उल्लंघन करते हैं, इसलिए CAIT की माँग है कि CCI को अपनी जांच तुरंत शुरू करनी चाहिए।