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भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजों के सेल्फ़-रेग्युलेशन के लिए औपचारिक बोर्ड बनायेंगे IAMAI-BACC

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Self Regulation Of Crypto Exchanges In India: इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की एक इकाई है, ‘ब्लॉकचेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल‘ (BACC), जो कल से सुर्ख़ियाँ बटोर रही है। और इन सुर्ख़ियों का कारण काफ़ी बड़ा है।

असल में BACC ने देश में अब क्रिप्टो एक्सचेंज सदस्यों के संचालन संबंधित देखरेख को लेकर सेल्फ़-रेग्युलेशन कोड आदि के लिए औपचारिक बोर्ड बनाने का ऐलान किया है।

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इसको लेकर IAMAI-BACC ने एक बयान में कहा कि इस सेल्फ़-रेग्युलेशन के ज़रिए कार्यान्वयन की निगरानी के लिए मशहूर न्यायविदों, तकनीकी विशेषज्ञों और फिनटेक विशेषज्ञों के साथ एक औपचारिक बोर्ड स्थापित किया जा रहा है।

लेकिन दिलचस्प ये है कि इस सेल्फ़-रेग्युलेशन नियमों के साथ ही साथ, IAMAI ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार संसद में एक बिल के ज़रिए क्रिप्टो एसेट्स को रेग्युलेट कर सकती है।

वहीं एसोसिएशन ने भारतीय रिजर्व बैंक के उस स्पष्टीकरण का भी स्वागत किया, जिसमें आरबीआई ने इसके 2018 के एक सर्कुलर के हवाले से भारतीय बैंकों को क्रिप्टो लेनदेन को ब्लॉक करने से माना कर दिया।

असल में आरबीआई ने 6 अप्रैल, 2018 को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें बैंकों को क्रिप्टो स्टार्टअप्स को किसी भी तरह की सेवा देने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस आदेश पर रोक लगा दी थी।

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बता दें कि BACC के एक पहले से मौजूद सेल्फ़-रेग्युलेशन कोड में मनी-लौंड्रिंग रोधी नियमों का स्वैच्छिक अनुपालन, आतंकवाद पर आर्थिक मदद के विरुद्ध कार्यवाई, और ग्राहक KYC व ने नियमों के पालन की शर्त मौजूद है। और भारत के कुछ सबसे बड़े एक्सचेंज CoinDCX, Unocoin, Paxful, WazirX और ZebPay, BACC के सदस्यों की लिस्ट में शामिल हैं।

इस बीच IAMAI-BACC ने अपनी एक प्रेस-रिलीज़ में कहा

“आरबीआई द्वारा हाल ही में बैंकों को दिया गया स्पष्टीकरण, क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक सकारात्मक क़दम है। यह एक अच्छा संकेत है कि भारत मुख्यधारा के बाजारों और नियामकों के बीच क्रिप्टो की अधिक स्वीकृति और जागरूकता की ओर बढ़ रहा है, जो देश में क्रिप्टो बाजार को आकार देने में मदद करेगा।”

इस बीच आपको बता दें एक अनुमान के अनुसार भारत में फ़िलहाल 15 मिलियन से अधिक क्रिप्टो निवेशक हैं, जिनके पास ₹10,000 करोड़ से अधिक की डिजिटल संपत्ति है।

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