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चेन्नई आधारित स्पेस टेक स्टार्टअप Agnikul Cosmos ने हासिल किया क़रीब ₹80 करोड़ का निवेश

चेन्नई आधारित स्पेस टेक स्टार्टअप Agnikul Cosmos ने हासिल किया क़रीब ₹80 करोड़ का निवेश

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Agnikul Funding: चेन्नई स्थित स्पेस टेक स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul Cosmos) ने अपने सीरीज़ ए फ़ंडिंग राउंड में मेफील्ड इंडिया (Mayfield India) के नेतृत्व में क़रीब ₹80 करोड़ ($11 मिलियन) हासिल किए हैं।

आपको बता दें इस फ़ंडिंग राउंड में Agnikul के मौजूदा निवेशकों जसी pi Ventures, Speciale Invest और Artha Ventures ने भी भागीदारी की।

इनके अलावा इस फ़ंडिंग राउंड में BEENEXT, Globevestor, LionRock Capital के साथ ही कुछ एंजेल फ़ंड और एंजेल निवेशकों जैसे आनंद महिंद्रा, नवल रविकांत, बालाजी श्रीनिवासन, नितिन कामथ, अभिषेक सिंघानिया, आरती राममूर्ति, और श्रीराम कृष्णन, Anicut Angel Fund और LetsVenture ने भी भाग लिया।

अग्निकुल फ़ंडिंग (Agnikul Funding)

वहीं एक आधिकारिक बयान में, IIT-मद्रास इनक्यूबेटेड स्टार्टअप, Agnikul ने यह भी बताया कि इस फंडिंग के बाद Mayfield India के मैनेजिंग पार्टनर विक्रम गोडसे कंपनी बोर्ड में शामिल होंगे।

बता दें इस राउंड के पहले Agnikul ने मार्च 2020 में अपनी प्री-सीरीज़ ए फंडिंग (Funding) में $3.1 मिलियन जुटाए थे और 2019 में Speciale Invest से सीड राउंड में भी निवेश हासिल किया था।

अग्निकुल फ़ाउंडर्स (Agnikul Cosmos Founders)

श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम, और प्रो एसआर चक्रवर्ती द्वारा 2017 में लॉन्च किया गया अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul Cosmos) छोटे सैटेलाइट लॉन्च वाहन का निर्माण कर रहा है।

इसके प्रोडक्ट में सबसे प्रमुख है अग्निबाण (Agnibaan) जो एक छोटा सैटेलाइट लॉन्च वाहन है, जो पृथ्वी की निचली कक्षाओं में 100 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है।

इस बीच कंपनी के सह-संस्थापक, श्रीनाथ बताते हैं कि;

“कोविड-19 के चलते हमारे मिशन में देरी हो रही है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम अगले साल की दूसरी छमाही तक अपना पहला मिशन शुरू कर सकेंगें।”

साथ ही महामारी के बीच अपने संचालन के बारे में बताते हुए, सह-संस्थापकों ने बताया कि महामारी के बीच देश भर में लोगों के बीच ऑक्सीजन की पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए स्टार्टअप ने अपने सभी लिक्विड ऑक्सीजन-आधारित टेस्टिंग्स को अस्थायी रूप से रोक दिया है।

कंपनी के संस्थापकों के अनुसार, वह सब मदद माँगने वाले लोगों को उन सभी ऑक्सीजन विक्रेताओं के साथ कनेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे वह ख़ुद कंपनी के लिए ऑक्सीजन लेते थे। और इसी तमाम तरीक़े से वह दोनों इस मुश्किल घड़ी में मदद के हर संभव प्रयास कर रहें हैं।

अग्निकुल (Agnikul) के अनुसार, इस साल की शुरुआत में स्टार्टअप ने दुनिया के पहले 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन, Agnilet की टेस्टिंग की थी और इस साल के लिए भी ऐसी कई टेस्टिंग्स की योजना है।

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आपको बता दें इसके पहले Agnikul Cosmos ने Alaska Aerospace Corporation के साथ अपने ‘Agnibaan’ रॉकेट की टेस्टिंग के लिए भी साझेदारी की थी। इसके तहत यह भारतीय रॉकेट-निर्माता स्टार्टअप को अमेरिका में Kodiak Island के Alaska स्थित Alaska Aerospace के Pacific Spaceport Complex से अपने अग्निबाण (Agnibaan) रॉकेट की टेस्टिंग की अनुमति मिली है।

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असल में कुछ सालों पहले तक भारत पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के माध्यम से छोटे सेटेलाइट के लॉन्च का एक ग्लोबल हब बनकर उभरने लगा था। पर जैसे ही भारत ने स्पेस सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों को आने का न्योता मिला, तो तमाम स्टार्टअप जैसे Skyroot, Agnikul और Bellatrix ने 3D प्रिंटेड इंजन के साथ ही छोटे लॉचर के निर्माण की ओर भी तेज़ी से प्रयास करना शुरू किया।

Skyroot Aerospace को भी मिला 11 मिलियन डॉलर का निवेश 

दिलचस्प ये है कि एक और भारतीय स्पेसटेक स्टार्टअप Skyroot Aerospace ने भी अपने सीरीज़-ए राउंड में Greenko Group के संस्थापकों, अनिल चलमालासेट्टी और महेश कोल्ली के नेतृत्व में क़रीब ₹80 करोड़ ($11 मिलियन) का निवेश हासिल किया है।

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