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गूगल का ये एआई आधारित हेल्थ टूल, लगाएगा ‘स्किन रोग’ का पता; जानें कैसे?

गूगल का ये एआई आधारित हेल्थ टूल, लगाएगा ‘स्किन रोग’ का पता; जानें कैसे?

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तमाम शानदार फ़ीचर्स और नई सुविधाओं के साथ ही गूगल ने अपने Google I/O 2021 इवेंट के दौरान अपने कुछ दिलचस्प एआई (AI) आधारित प्रोजेक्ट के बारे में भी ख़ुलासा किया है। असल में गूगल अब आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स के ज़रिए स्मार्टफोन कैमरों का इस्तेमाल करके त्वचा/स्किन रोगों (Skin Diseases) का पता लगाने जैसे टूल को लेकर काम कर रहा है।

जी हाँ! असल में कंपनी ने अपने एआई आधारित डर्मेटोलॉजी असिस्ट टूल (Dermatology Assist Tool) का प्रीव्यू शेयर किया है। इसके ज़रिए यूज़र्स को अपने शरीर में त्वचा, बाल और नाखून से संबंधित रोगों का पता लगाने में मदद मिलेगी।

गूगल टूल कैसे पता करेगा स्किन रोग? (Google Tool Detect Skin Diseases)

इस तकनीक के काम करने के तरीक़े को बताते हुए कंपनी ने समझाया कि इसके ज़रिए यूज़र्स को बस अपने स्मार्टफोन के कैमरे को अपनी संबंधित त्वचा की ओर पॉइंट करके और तीन अलग-अलग एंगल से तस्वीरों को खींचना होगा।

इसके बाद उस ऐप पर यूज़र्स से उनकी त्वचा के प्रकार के बारे में कुछ प्रश्न पूछे जाएंगे। ये प्रश्न कुछ ऐसे होंगें जैसे कि यह समस्या यूज़र को कब से है?, इसको लेकर कोई अन्य लक्षण भी नज़र आ रहे हैं क्या?

इसके बाद यूज़र के जवाब के आधार पर आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स तकनीक के सहारे ऐप सटीकता से रोग को पहचानने का प्रयास करेगी और उसी आधार पर यूज़र को भी जानकारी साझा करेगी।

गूगल के अनुसार इसका एआई टूल यूज़र्स द्वारा अपलोड की गई स्किन की तस्वीरों का विश्लेषण करके उन्हें बताएगा कि वो किस स्किन रोग (त्वचा संबंधी बिमारी) से ग्रसित हैं।

कंपनी का दावा है कि ये टूल क़रीब 288 अलग-अलग स्किन रोगों या कहें तो स्किन कंडीशन को पहचानने में सक्षम है। इतना ही नहीं बल्कि एक बार तस्वीरों को प्रॉसेस करने के बाद, यूज़र को संभावित रोगों की लिस्ट भी दिखाई जा सकती है।

Google Using AI to help find answers to common skin conditions
Credit: Google Blog

इसके लिए गूगल ऐसी कई तकनीकों का उपयोग करने का दावा करता है जो सीटी स्कैन के ज़रिए मधुमेह, नेत्र रोग या फेफड़ों के कैंसर का पता लगाती हैं।

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लेकिन इसी बीच दिलचस्प रूप से गूगल ने ये भी साफ़ कर दिया है कि इस टूल का मक़सद न ही किसी तरह का उपचार प्रदान करना है और न ही संबंधित डॉक्टर्स का कोई विकल्प बनाना, क्योंकि कैसे स्थितियों में क्लीनिकल रिव्यू, इन-पर्सन एग्जामिनेशन और बायोप्सी जैसे टेस्ट आदि की ज़रूरत होती है।

इस टूल के ज़रिए गूगल सिर्फ़ और सिर्फ़ यूज़र्स तक आधिकारिक रूप से उपलब्ध विश्लेषणात्मक जानकारियाँ पहुँचाना चाहता है, ताकि वह रोग को लेकर अगले कदम के बारे में अधिक जानकारी पाते हुए कोई सही निर्णय ले सकें।

Google Skin Diseases Finder Tool 

बता दें कंपनी के अनुसार ये एक वेब-आधारित एप्लिकेशन टूल है जिसे कंपनी इस साल के अंत में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च कर सकती है।

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