Now Reading
IFAT की सरकार से माँग, डिलीवरी व कैब कर्मचारियों को मिले “लोन में राहत” व “वैक्सिनेशन में प्राथमिकता”

IFAT की सरकार से माँग, डिलीवरी व कैब कर्मचारियों को मिले “लोन में राहत” व “वैक्सिनेशन में प्राथमिकता”

gig workers

Loan Moratorium & Priority Vaccination for Delivery Workers: इस बात में कोई शक नहीं है कि इस वक़्त पूरा देश कोविड-19 और इसकी वजह से देश भर में जगह-जगह लगे लॉकडाउन से जूझ रहा है और इन हालातों में फ़ूड डिलीवरी से लेकर कैब ड्राइवर्स आदि की कमाई भी काफ़ी प्रभावित हुई है। और इसलिए अब भारतीय फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) ने भारत सरकार से अपील की है कि वह ऐसे वर्कर्स के बैक लोंन आदि को लेकर इन्हें थोड़ी राहत व मोहलत देने का काम करे।

इसके साथ ही IFAT की ये भी माँग है कि कोविड-19 वैक्सिनेशन को लेकर ऐप-आधारित डिलीवरी कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए और इनके वैक्सिनेशन का खर्चा Swiggy, Zomato, Ola, Uber और Dunzo जैसी कंपनियाँ उठाएँ, जिनकी कंपनी में डिलीवरी कर्मचारी अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं।

Delivery Workers और Cab Drivers के लिए IFAT की माँग 

लेकिन IFAT की एक और ख़ास माँग है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि इन डिलीवरी या कैब कर्मचारियों की सेवाएँ लेने वाली कंपनियाँ इस मुश्किल वक़्त में कैब ड्राइवर्स को ₹1,175 प्रतिदिन की दर से और फ़ूड डिलीवरी कर्मचारियों को ₹675 प्रतिदिन की दर से आर्थिक मदद प्रदान करें। ऐसा इसलिए क्योंकि इन कर्मचारियों की मासिक आय फ़िलहल काफ़ी प्रभावित हुई है।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ऑफ़िस और वित्त मंत्रालय को भेजे गए अपने पत्र में IFAT ने सरकार से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और खाद्य सुरक्षा योजना के तहत दिए जाने वाले लाभ को ऐप-आधारित कर्मचारियों के लिए भी पेश करने का अनुरोध किया है।

app-based-drivers-and-riders-demand-loan-moratorium-till-sept-priority-vaccination

दिलचस्प रूप से IFAT का ये भी कहा है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत जारी किए गए मोटर वाहन नियम, जिसमें कहा गया है 80% से कम किराया ड्राइवरों को नहीं जाना चाहिए, का भी उल्लंघन किया जा रहा है।

इसके साथ ही इस पत्र में या अपील की गई है कि ऐप आधारित फ़ूड डिलीवरी का काम करने वाली कर्मचारियों की स्थिति बेहद दयनीय है, उनके श्रम दरों और प्रोत्साहनों में सुधार की ज़रूरत है।

मिले बाक़ायदा सहूलियत व मुआवज़ा 

See Also
meta-to-set-up-its-first-data-center-in-india-at-reliance-campus

यह भी माँग की गई है कि कंपनियों द्वारा ड्राइवरों को पीपीई किट दी जाए और वाहनों की सफाई व सैनिटीजेशन के लिए कुछ जगह बनाई जाएँ।

वहीं कंपनियों और सरकार से यह भी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि महामारी के चलते जान गंवाने वाले कैब ड्राइवरों और डिलीवरी कर्मचारियों के परिवारों को ₹15 लाख का मुआवजा दिया जाए।

और अगर काम के दौरान कोई कर्मचारी संक्रमित होता है तो कंपनियों को उनके इलाज आदि का खर्च भी उठाने के लिए आगे आना चाहिए।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.