संपादक, न्यूज़NORTH
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म Twitter ने भारत में क़रीब 50 से अधिक ऐसे पोस्ट को प्लेटफ़ॉर्म से हटाया है, जिनमें कोविड-19 महामारी से निपटने के विषय पर सरकार की निंदा की जा रही थी। और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ भारत सरकार ने ही अपनी आलोचना भरे इन कथित Tweets को हटाने का एमरजेंसी ऑर्डर दिया था।
आपको बता दें इन Tweets को अब प्लेटफ़ॉर्म पर यूज़र्स द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकता है। मामले को सबसे पहले सामने लाने वाले Medianama के अनुसार जिन लोगों के Tweets को हटाया गया है उनमें कांग्रेस के सांसद रेवंत रेड्डी; बंगाल के मंत्री, मोलो घटक; अभिनेता, विनीत कुमार सिंह; और फिल्म निर्माता, विनोद कापरी और अविनाश दास शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ Twitter ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट, Lumen डेटाबेस में ख़ुलासा करते हुए बताया है कि भारत सरकार ने देश में 50 से अधिक Tweets को सेंसर करने के लिए Twitter को एक एमरजेंसी ऑर्डर दिया था।
और इसी आदेश का पालन करते हुए इस सोशल नेटवर्क ने उन सभी Tweets को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर यूज़र्स द्वारा एक्सेस किए जाने से रोक दिया था।
अब कई जानकार अंदेशा ये जता रहे हैं कि हो सकता है कि Twitter अकेला ऐसा प्लेटफ़ॉर्म नहीं है जिसे सरकार ने ऐसा आदेश दिया है, इसमें Facebook आदि भी शामिल हो सकते हैं। असल में Twitter हमेशा से ही ऐसे ऑर्डर और कार्यवाई को तुरंत ही सार्वजनिक करने के लिए जाना जाता है।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में से एक भारत ने पहली बार Twitter को ऐसा आदेश नहीं दिया है। इसके पहले भी सरकार ने Twitter को कुछ अकाउंट्स को ब्लॉक करने आदि संबंधित आदेश दिए थे, और आदेश का पालन न करने पर कंपनी के कर्मचारियों को जेल की सजा देने तक की बात सामने आई थी।
पहले भी सरकार ने दिया था ऐसा आदेश
तब रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये कहा गया था कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा 31 जनवरी को ‘farmer genocide’ नाम से हैशटैग चलाने वाले 257 Twitter अकाउंट को सरकार ने बंद करने के निर्देश दिए थे।
वहीं इसके बाद 4 फ़रवरी को सरकार ने कथित रूप से खालिस्तान की माँग करने वाले समर्थकों व पाकिस्तान द्वारा समर्थित 1,178 Twitter अकाउंट को देश की शांति व सुरक्षा के लिए ख़तरा बताते हुए हटाने की माँग की थी।
क्यों Twitter है इतना ख़ास?
दरसल इस बात में कोई शक नहीं है कि Twitter हाल ही में भारत में लोगों की आवाज़ उठाने के एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है और कंपनी द्वारा अन्य सोशल मीडिया दिग्गज़ के मुक़ाबले अधिक पारदर्शिता बरते जाने की वजह से भी इसकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा हुआ है।
इस बीच ये भी साफ़ कर दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में एक और पहलू को भी सामने लाया गया है कि सरकार ने कथित रूप से कोविड-19 महामारी को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने वाले Tweets को ही हटाने का निर्देश दिया था।