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स्टार्टअप्स द्वारा ऑफ़िस को “कोविड वार्ड” में बदलना भी मानी जाएगी “CSR एक्टिविटी”

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इस बात में कोई शक नहीं है कि कोविड-19 की दूसरी लहर काफ़ी तेज़ी से देश भर को प्रभावित कर रही है और देश भर में अस्पतालों में बेड और अन्य सुविधाओं की भारी कमी नज़र आ रही है। और ऐसी स्थिति में अब भारत सरकार कोविड वार्ड (COVID Wards) के रूप में इस्तेमाल करने के लिए खाली ऑफ़िस आदि जगहों की तलाश कर रही है।

और इसी कड़ी में अब कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने एक सर्कुलर जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि जो कंपनियां और स्टार्टअप अस्थाई अस्पतालों या कोविड वार्ड (COVID Wards) की सुविधा प्रदान करने में सहयोग दिखाती नज़र आएँगी, मतलब अपने CSR फंड से इस ओर निवेश करेगी, त उसको कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलटी (CSR) एक्टिविटी के रूप में माना जाएगा।

असल में MCA ने देश भर कि कंपनियों व स्टार्टअप्स से कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उनके ख़ाली ऑफ़िस आदि को कोविड इसोलेशन वार्ड (COVID Isolation Wards) और बेड सेटअप की अपील की है।

बता दें यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा 24 अप्रैल को अपडेट किए गए डेटा के अनुसार भारत में एक दिन में सर्वाधिक 3,46,786 नए कोरोनावायरस संक्रमणों के मामले के बाद देश में कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 1,66,10,481 हो गई, जिसमें एक्टिव मामले 25 लाख का आँकड़ा पार कर चुके हैं।

इस बीच अपने सर्कुलर में MCA ने लिखा है कि

“यह स्पष्ट किया जाता है कि कोविड-19 के लिए CSR फंड खर्च करना एक CSR एक्टिविटी मानी जाएगी, और ख़ाली ऑफ़िस आदि को भी अस्थायी कोविड-19 केयर सेंटर की तरह बनाने में भी CSR फ़ंड ख़र्च किया जा सकता है, जिसको CSR एक्टिविटी में हाई गिना जाएगा।”

आपको बता दें पिछले साल मार्च में ही MCA ने कहा था कि कोरोनावायरस महामारी को एक अधिसूचित आपदा घोषित किया जाता है, और कोविड-19 के प्रसार से निपटने के लिए CSR के तहत धन खर्च करना एक योग्य CSR एक्टिविटी माना जाएगा।

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इस साल जनवरी में, MCA ने स्टार्टअप्स और कंपनियों को अपने CSR फंड को कोविड-19 टीकाकरण अभियान या जागरूकता अभियान या सार्वजनिक आउटरीच अभियान चलाने के लिए खर्च करने की अनुमति दी है। लेकिन इसके साथ हाई कंपनी के कर्मचारियों और परिवार को लाभ पहुंचाने वाली गतिविधियों पर विशेष रूप से ऐसे फंड के उपयोग पर रोक लगा दी गई है।

इस बीच पिछले साल से हाई कई ऐसे स्टार्टअप्स सामने आए हैं जिन्होंने इस आपदा के मौक़े पर अपनी तरफ़ से कई तरह की मदद की पेशकश की है। उदाहरण के लिए पिछले साल, विजय शेखर शर्मा ने नेतृत्व वाली Paytm ने 60 शहरों के 300 से अधिक होटलों के साथ साझेदारी की थी, और उन्हें स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए एक अस्थायी आवास के तौर पर पेश किया था।

इसके साथ ही Paytm ने वेंटिलेटर आदि पर काम करने वाली कंपनियों और रिसर्चर्स को आर्थिक मदद देने के लिए भी ₹5 करोड़ का फंड घोषित किया था।

इसके साथ ही OYO और Ola जैसे तमाम अन्य स्टार्टअप्स ने भी अपने अपने तरीक़े से मदद की थी और इस कथिन परिस्थितियों में देश को संभालने में योगदान दर्ज करवाया है।

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