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भारत में पहली बार ‘रिन्यूएबल एनर्जी’ ख़रीदेगा Facebook, किया CleanMax के साथ समझौता

भारत में पहली बार ‘रिन्यूएबल एनर्जी’ ख़रीदेगा Facebook, किया CleanMax के साथ समझौता

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सोशल मीडिया दिग्गज़ Facebook ने अब भारत में 100% रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के इस्तेमाल की अपनी प्रतिबद्धता को ज़ाहिर करते हुए अब मुंबई आधारित CleanMax के साथ एक समझौता किया है।

इस समझौते के तहत Facebook असल में CleanMax के विंड पॉवर प्रोजेक्ट के ज़रिए अपनी रिन्यूएबल एनर्जी सम्बंधित ज़रूरतों को पूरा करेगा।

Facebook और CleanMax आए साथ

असल में दक्षिणी कर्नाटक राज्य में स्थित 32 मेगावाट का विंड पॉवर प्रोजेक्ट असल में Facebook और CleanMax के विंड और सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट संबंधित एक बड़े पोर्टफोलियो का हिस्सा है। इन प्रोजेक्ट के ज़रिए दोनों कंपनियाँ भारत की इलेक्ट्रिकल ग्रिड को रिन्यूएबल एनर्जी से लैस करने का लक्ष्य रखती हैं।

इस समझौते के तहत CleanMax प्रोजेक्ट का स्वामित्व और संचालन करेगा, वहीं Facebook पर्यावरण एट्रीब्यूट सर्टिफिकेट (EACs) या कार्बन क्रेडिट का उपयोग करके ग्रिड से बिजली खरीदेगा।

Facebook की रिन्यूएबल एनर्जी की हेड, उर्वी पारेख ने Reuters को दिए एक बयान में कहा;

“कंपनी असल में इन पॉवर प्लांट पर कोई मालिकाना हक़ नहीं रखती है, इसने बस रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी के साथ “लंबे समय” के लिए बिजली खरीद संबंधित समझौता किया है।”

इस बात में कोई शक नहीं है कि भारत Facebook के लिए एक बेहद अहम बाज़ार है, क्योंकि कंपनी के तमाम प्लेटफ़ॉर्म जैसे WhatsApp, Instagram और ख़ुद Facebook के यूज़र्स बेस में भारत का बड़ा हिस्सा है।

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ऐसे में भारत में अपने ऑफ़िस व आदि जगहों पर रिन्यूएबल एनर्जी जैसी पहल को बढ़ावा देते हुए Facebook जहाँ एक ओर पर्यावरण को बचाने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दर्शाना चाहता है, वहीं इसके ज़रिए वह भारत के लोगों का विश्वास और देश को लेकर अपनी गंभीरता भी दिखाने की कोशिश कर रहा है।

इस बीच कंपनी की ओर से यह भी बताया गया कि सिंगापुर में Facebook एनर्जी प्रवाइडर्स जैसे Sunseap Group, Terrenus Energy और Sembcorp Industries के साथ ऐसे ही समझौते किए हैं और वहाँ क़रीब 160 मेगावाट सोलर एनर्जी का उत्पादन करने का लक्ष्य है।

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क्यों अहम है ये पहल?

कम्पनी के अनुसार इन प्लांटों से पैदा होने वाली बिजली इस टेक दिग्गज के पहले एशियाई डेटा सेंटर को पॉवर सप्लाई करने का काम करेगी, जिसका संचालन अगले साल तक शुरू किया जा सकता है।

आपको लग रहा होगा सिर्फ़ एक डेटा सेंटर को रिन्यूएबल एनर्जी से लैस करके क्या होगा? तो आपको बता दें कि इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के अनुसार Facebook जैसी तकनीकी कंपनियों के डेटा सेंटर्स दुनिया की कुल एनर्जी का क़रीब 1% हिस्सा इस्तेमाल करते हैं। हुई न आपको भी हैरानी?

असल में सिर्फ़ Facebook ही नहीं बल्कि Amazon, Alphabet Inc और Microsoft जैसी कंपनियों ने भी आने वाले वक़्त में कार्बन-मुक्त संचालन करने और नेट-ज़ीरो एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने का वादा किया है। ज़ाहिर है ये ज़रूरी इसलिए भी है क्योंकि आने वाले समय में डेटा और डिजिटल सेवाओं की मांग में निरंतर वृद्धि होने की उम्मीद है और ऐसे में एनर्जी की खपत इन कंपनियों द्वारा और अधिक मात्रा में की जाएगी।

वहीं इस बीच Facebook के सीईओ, Mark Zuckerberg ने गुरुवार को अलग से घोषणा की कि कंपनी का ग्लोबल ऑपरेशन अब पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी द्वारा समर्थित है और कंपनी नेट-ज़ीरो एमिशन के लक्ष्य तक पहुँच रही है। 

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