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जल्द UPI से नहीं कर पाएँगें ₹50 तक के कोई भी गेमिंग ट्रांजैक्शन: रिपोर्ट

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Credit: BHIMUPI.org.in

भारत में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का नया सत्र जारी है और ऐसे में भारतीय गेमिंग स्टार्टअप्स को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जल्द एक बड़ा झटका दे सकता है। असल में ख़बरों के मुताबिक़ NPCI अब अपने लोकप्रिय यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) चैनल पर ₹50 रुपये के तहत सभी गेमिंग ट्रांजैक्शन को स्थायी रूप से प्रतिबंधित या कहें तो ब्लॉक करने की तैयारी कर रहा है।

अटकलों के मुताबिक़ हाल ही में माहामारी के चलते पैदा हुए हालातों के बीच देश में तेज़ी से लोगों ने डिजिटल पेमेंट और ख़ासकर UPI लेनदेन को अपनाया है और ऐसे में चैनल पर लोड काफ़ी बढ़ गया है। और अब NPCI ने UPI ट्रांजैक्शन्स को मॉडरेट करने का सोचा है।

असल में ET की सामने आई एक रिपोर्ट की मानें तो सूत्रों के हवाले से यह सामने आया है कि पिछले कुछ महीनों से UPI चैनल पर लेनदेन की संख्या में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ है और इसकी वजह से बैंकिंग व अन्य कई तकनीकी समस्याओं में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। और इसलिए अब NPCI ये क़दम उठा रहा है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया की NPCI ने हाल के हफ्तों में गेमिंग कंपनियों द्वारा प्रॉसेस किए जा रहे कम टोकन साइज़ वाले लेनदेन में इज़ाफ़ा दर्ज किया है, और चैनल में इसकी वजह से काफ़ी लोड बढ़ रहा है।

रिपोर्ट की मानें तो NPCI ऐसी गेमिंग कंपनियों को UPI के बजाय, ग्राहक और व्यापारी स्थायी निर्देशों (SI) के भुगतान तरीकों के इस्तेमाल का सुझाव दे सकता है, जैसे नेट-बैंकिंग आदि, ताकि भले टोकन साइज़ में बेहद छोटे  ही सही लेकिन ऐसे ट्रांजैक्शन बाधित न हों।

कहा तो ये भी जा रहा है कि NPCI का मन असल में गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर होने वाले ₹250 तक के लेनदेन को ब्लॉक करने का था, लेकिन बाद में बातचीत आदि के बाद ₹50 के लेनदेन को UPI के ज़रिए ना करने का कथित विचार बनाया गया है।

लेकिन ज़ाहिर है गेमिंग कंपनियाँ इससे खुश नहीं होंगी, क्योंकि इससे उनके यूज़र्स के बीच नाराज़गी पैदा हो सकती है। इस बात में कोई शक नहीं कि देश में युवाओं के बीच UPI एक बेहद सरल और उपयोगी पेमेंट माध्यम बन गया है और तेज़ी से छोटे शहरों तक में इसने पकड़ बनाई है।

ऐसे में अगर लेनदेन को लेकर युवाओं को गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर UPI का विकल्प नहीं मिला तो हो सकता है इन प्लेटफ़ॉर्मों के उपयोगकर्ता आधार पर इसका गहरा असर दिखाई दे सकता है, क्योंकि ऐसे गेमिंग प्लेटफ़ॉर्मों पर अधिकतर लेनदेन छोटे राशि के ही होते हैं।

अब देश के UPI बाज़ार में 30% हिस्सेदारी के बाद नए ग्राहक नहीं जोड़ सकेंगें Google Pay, PhonePe, Paytm आदि

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आपको बता दें पिछले महीने ही नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI पेमेंट क्षेत्र में सभी दावेदारों जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm आदि को समान अवसर देने के लिए कुछ नए नियम पेश किय थे। NPCI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार कोई भी पेमेंट प्लेटफ़ॉर्म अब कुल UPI पेमेंट बाजार का 30% वॉल्यूम तक ही कैप्चर कर सकता है।

इन नए नियमों को तीन महीने के रोलिंग आधार पर 2021 की जनवरी से लागू कर दिया गया है और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) आधारित सभी पेमेंट ऐप्स अब से NPCI द्वारा कुछ छूट के साथ तीन-स्तरीय निगरानी के अधीन होंगे।

इन नियमों को आसान भाषा में समझाया जाए तो फ़िलहाल जनवरी से मार्च 2021 तक, किसी भी UPI पेमेंट ऐप द्वारा कुल UPI वॉल्यूम बाज़ार के कुल वॉल्यूम के 30% से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन साफ़ कर दें कि ग्राहक असुविधा से बचने के लिए NPCI ने मौजूदा UPI ऐप्स जैसे Google Pay, PhonePe आदि को इन नए नियमों का अनुपालन करने के लिए दो साल का वक़्त दिया है।

आपको बता दें 2020 की चौथी तिमाही में Walmart के मालिकाना हक़ वाली PhonePe और Google Pay दोनों के पास प्रत्येक रूप से भारत के कुल UPI वॉल्यूम की 40%-40% बाजार हिस्सेदारी थी।

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