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Alexa और Siri को भूल जाएँ, अब भारत सरकार ला रही है ‘Hey Umang’ फ़ीचर

Alexa और Siri को भूल जाएँ, अब भारत सरकार ला रही है ‘Hey Umang’ फ़ीचर

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ज़रा सोचिए! देश में अगर आपको एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म मिले जहाँ आप अपने सवालों का जवाब Alexa और Siri की तरह किसी वॉयस असिस्टेंट से पूछ कर हासिल कर सकें तो? जैसे मेरे पीएफ खाते में कितना पैसा है? आधार और पैन कार्ड को कैसे लिंक करें? आदि। जी हाँ! अब ये सच हो सकता है वो भी भारत सरकार के ‘Hey Umang‘ फ़ीचर की बदौलत।

असल में सरकार लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए सरकार के मास्टर ऐप प्लेटफॉर्म Umang ((Unified Mobile Application for New-age Governance) पर वॉयस असिस्टेंट सुविधा पेश करने जा रही है।

जी हाँ! Umang प्लेटफ़ॉर्म पर आपको 100 से अधिक सरकारी सेवाओं के लिए वॉयस असिस्टेंट सुविधा मिल सकेगी, और रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस सुविधा को वास्तविक रूप देने के लिए Senseforth AI Research Pvt Ltd को चुना गया है।

ET की एक रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय ने प्लेटफ़ॉर्म पर Apple के Siri और Amazon व Google के Alexa व Hey Google की ही तर्ज़ पर एक वॉयस असिस्टेंट सेवा Hey Umang पेश करने के लिए बेंगलुरु स्थित इस कंपनी को चुना है।

कुछ ऐसा होगा Hey Umang फ़ीचर

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह सामने आया है कि कंपनी आगामी तीन महीनों में Umang प्लेटफ़ॉर्म पर अंग्रेजी और हिंदी में वॉयस असिस्टेंट व चैटबॉट्स की सुविधा पेश कर देगी।

साथ ही सूत्रों ने यह भी कहा कि सरकार इस चरण के बाद मलयालम, तमिल और तेलुगु में भी इन सुविधाओं की पेशकश करती नज़र आ सकती है, लेकिन इसके पहले सरकार अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में इन सेवाओं की जाँच करना चाहती है, कि भला ये कितनी प्रभावी हैं?

सामने यह भी आया है कि जिन सेवाओं को Hey Umang जैसे वॉयस असिस्टेंट फ़ीचर के साथ जोड़ा जा सकता है, उसमें ईपीएफओ, ब्लड बैंक, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसी कुछ बेहद अहम सेवाओं को शॉर्टलिस्ट किया गया है।

असल में आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स तकनीक का इस्तेमाल करके बनाई जाने वाली इन सुविधाओं को डिजिटल रूप से गाँव आदि के इलाक़ों में भी लोगों द्वारा आसानी से इस्तेमाल किया जा सकेगा, इसके लिए किसी बहुत अधिक तकनीकी ज्ञान की ज़रूरत नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक़ सरकार ने इस साल की शुरुआत में वॉयस असिस्टेंट के लिए एक निविदा जारी की थी, क्योंकि सरकार को उन लगा की उसके प्लेटफ़ॉर्म को एक वॉयस-इनेबल्ड एप्लिकेशन का भी स्वरूप दिया जा सकता है, जिससे अंग्रेजी या हिंदी भाषा को लिखने या पढ़ने में असमर्थ लोग भी सरकारी सेवाओं का बेझिझक इस्तेमाल कर पाएँ।

असल में क़रीब 700 मिलियन इंटरनेट यूज़र्स वाले भारत देश में, एक बड़ा इंटरनेट यूज़र वर्ग ग्रामीण क्षेत्रों से है और आने वाले समय में इनकी संख्या और भी बढ़ने जा रही है। इसलिए सरकार अपनी इस Hey Umang सेवा को भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं से भी जोड़ने का मन बनाए हुए है।

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क्या है भारत सरकार का Umang App?

आपको बता दें Umang (Unified Mobile Application for New-age Governance) एक सरकारी ऑल-इन-वन मोबाइल ऐप है जो विभिन्न सरकारी विभागों के साथ-साथ राज्य सरकारों की सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है।

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Credit: web.umang.gov.in

इस Umang ऐप पर पिछले साल क़रीब 650 सरकारी सेवाओं की सुविधाओं को बढ़ाते हुए इसका विस्तार 2,039 सेवाओं के लिए कर दिया गया है।

इस ऐप में 88 केंद्रीय विभागों के 373 ऐप, 27 राज्यों के 101 विभागों के 487 ऐप और उपयोगिता बिल भुगतान के लिए 1,179 सेवाएं शामिल हैं।

इतना ही नहीं बल्कि सरकार ने हाल ही में विदेशों में रह रहे भारतीय छात्रों, गैर-निवासी भारतीयों और देश के बाहर से सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने वाले भारतीय पर्यटकों की मदद के लिए भी Umang ऐप का विदेशी बाजार में भी विस्तार किया है।

इस ऐप का अंतर्राष्ट्रीय वर्जन अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित चुनिंदा देशों में उपलब्ध होगा।

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