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Facebook और WhatsApp ने CCI द्वारा जाँच के आदेश को दी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती: रिपोर्ट

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WhatsApp का नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। कभी कंपनी तो कभी सरकार की तरफ़ से इसको लेकर कोई ना कोई बड़े क़दम लगातार उठाए जा रहे हैं। और अब सामने आई रिपोर्ट के अनुसार WhatsApp और इस पर मालिकाना हक़ रखने वाली Facebook ने हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा दिए गए जाँच के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

ख़बरों की मानें तो WhatsApp और Facebook दोनों ने दिल्ली हाईकोर्ट से ये माँग की है कि CCI द्वारा दिए गए जाँच संबंधित आदेश को ख़ारिच किया जाए।

आपको याद दिला दें की WhatsApp की नई और विवादित प्राइवेसी पॉलिसी के संबंध में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 24 मार्च को कंपनी की नई नीतियों को लेकर जाँच का आदेश देते हुए, इस जाँच को 60 दिनों में पूरा किए जाने की बात कही थी।

लेकिन अब Inc42 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, Facebook और WhatsApp दोनों ने ही दिल्ली हाईकोर्ट में अलग अलग लेकिन लगभग एक ही तरह की माँग वाली याचिकाएँ दायर की हैं।

रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों सोशल मीडिया दिग्गज़ कंपनियों का कहना है कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी का मामला पहले से ही देश की सर्वोच्च अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट में सुना जा रहा है, इसलिए इस बीच CCI द्वारा जाँच का आदेश देना उचित नहीं है और इस आदेश को ख़ारिच किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही दिलचस्प रूप से रिपोर्ट के अनुसार Facebook का अदालत से ये भी कहना है कि इस संबंध में Facebook की जाँच नहीं होगी चाहिए क्योंकि Facebook का सोशल मीडिया बिज़नेस और WhatsApp मैसेजिंग प्लेटफॉर्म अलग-अलग संस्थाएं हैं।

साथ ही याचिका में कथित रूप से ये भी कहा गया है कि CCI को WhatsApp के ख़िलाफ़ जाँच से पहले कोई ठोस सबूत पेश करने चाहिए।

Facebook-WhatsApp vs CCI क्या है पूरा मामला?

असल में जैसा हमनें बताया भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 24 मार्च को WhatsApp द्वारा लाई गई नई विवादित Privacy Policy को लेकर जाँच का आदेश दिया था और ये भी कहा था कि ये पॉलिसी प्रथम दृष्टया ‘ना मानने योग्य’ और ‘यूज़र्स का शोषण’ करने वाली प्रतीत होती हैं।

CCI की मानें तो WhatsApp ने नए Privacy Policy अपडेट की आड़ में अपने “शोषणकारी और बहिष्कृत आचरण” के माध्यम से प्रतिस्पर्धा अधिनियम (स्थिति का दुरुपयोग) की धारा 4 का उल्लंघन किया है।

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माना ये जा रहा है कि WhatsApp द्वारा ये क़दम अपने मैसेजिंग ऐप के प्लेटफ़ॉर्म के इन-चैट पेमेंट फीचर, WhatsApp Pay को देश में आगे बढ़ाने के मक़सद से उठाया गया हो सकता है।

इसके पहले WhatsApp इस विवादित पॉलिसी को 15 मई तक के लिए टाल चुका है। और केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में ये अपील की थी कि अदालत WhatsApp को अपनी नई Privacy Policy लागू करने से रोके।

असल में एंटीट्रस्ट नियामक, CCI का मानना है कि यूज़र्स को शर्तों को अस्वीकार करने का विकल्प ना देना, डेटा शेयरिंग के लिए बाध्य करना आदि के लिए एक विस्तृत जांच की आवश्यकता है।

नई पॉलिसी से WhatsApp को क्या होगा फ़ायदा?

शुरू से हाई WhatsApp एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होने का दावा करता रहेगा, लेकिन ये चैट और उपयोगकर्ताओं के मेटाडेटा, लेनदेन डेटा, मोबाइल डिवाइस की जानकारी, IP ऐड्रेस और अन्य डेटा को Facebook आदि से शेयर करता रहेगा, ताकि ये देखा जा सके कि बिज़नेस के संदर्भ में लोगों की सोच क्या है? इसका इस्तेमाल Facebook टारगेट एडवर्टाइजमेंट के लिए करेगा।

ज़ाहिर है ये क़दम कंपनी अपने एक सपने को पूरा करने के लिए भी उठा रह है। असल में WhatsApp भारत के बेहद व्यापाक और अपार संभावनाओं से भरे ईकॉमर्स क्षेत्र में ख़ुद को एक Super App की तरह स्थापित करने के प्रयास करना चाहती है, और वह छोटे बिज़नेस आदि को कस्टमर डेटा एनालिटिक्स की भी सुविधा प्रदान करने का मन बना रही है।

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