Site icon NewsNorth

TATA Sons की बड़ी जीत, सुप्रीम कोर्ट ने ‘साइरस मिस्त्री’ को हटाने के फ़ैसला को बताया सही

supreme-court-verdict-on-personal-property-takeover-by-government

आख़िरकार! सुप्रीम कोर्ट ने सालों से चल रहे टाटा-मिस्त्री विवाद में अपना एक बड़ा फ़ैसला सुना दिया है। असल में सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में $100 बिलियन से अधिक की वैल्यूएशन वाले TATA Group के अंग TATA Sons के अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को हटाए जाने के फ़ैसले को सही ठहराया है।

जी हाँ! भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि साइरस मिस्त्री को हटाने का फैसला सही था। न्यायाधीशों ने कहा, “कानून के तहत फ़ैसला TATA Group के पक्ष में है।”

दिलचस्प ये है कि जहाँ एक तरह कोर्ट ने इस मामले में एक तरफ़ Tata Sons को सीधी जीत दी, वहीं देश की सर्व्वोच अदालत ने यह भी कहा कि शेयर से जुड़े विवाद को टाटा और मिस्त्री दोनों ग्रुप मिलकर ही सुलझाएं।

आपको बता दें नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने दिसंबर, 2019 को साइरस मिस्त्री को Tata Group के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल किया था।

लेकिन इसके बाद TATA Sons Pvt. Ltd. और Cyrus Investments Pvt. Ltd. ने NCLAT के फैसले के खिलाफ क्रॉस अपील दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने 17 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। और आज सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया है।

इस फ़ैसले के आने के बाद रतन टाटा ने कहा;

“यह जीतने या हारने का मुद्दा नहीं है। मेरी अखंडता और ग्रुप के नैतिक आचरण पर अथक हमलों के बाद, TATA Sons को बरकरार रखने और उन मूल्यों की जीत है जो हमेशा मेरा और कंपनी के मार्गदर्शक सिद्धांत रहे हैं। ये फ़ैसला न्यायपालिका की निष्पक्षता और न्याय को और मजबूत करता है।”

TATA Sons Vs Cyrus Mistry: क्या था दोनों पक्षों का कहना?

आपको बता दें Shapoorji Pallonji Group ने 17 दिसंबर को न्यायालय से कहा था कि अक्टूबर, 2016 को हुई बोर्ड की बैठक में साइरस मिस्त्री को TATA Sons के चेयरमैन पद से हटाना असल में एक घाट लगाकर हमला करने के समान था। यह देश में कंपनी संचालन के सिद्धान्तों के खिलाफ उठाया गया क़दम था।

See Also

वहीं इसके जवाब में TATA Group ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था और बोर्ड ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मिस्त्री को पद से बर्खास्त किया था।

आपको बता दें Shapoorji Pallonji Group की TATA Sons में 18.37% तक की हिस्सेदारी है। और Pallonji Mistry के बेटे Cyrus Mistry को 2012 में रतन टाटा की जगह TATA Sons का चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन चार साल बाद 2016 में उन्हें अचानक पद से हटा दिया गया था।

TATA Sons Vs Cyrus Mistry: क्या है शेयर विवाद?

इसके बाद से ही दोनों ग्रुपों में विवाद चल रहा है और इसके बीच TATA Group ने SP Group को कंपनी में उनकी हिस्सेदारी ख़ुद खरीदने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन कहा जाता है कि मिस्त्री परिवार इसलिए लिए तैयार नहीं है।

इसके बाद TATA Group ने 5 सितंबर को SP Group को अपने हिस्से के शेयर बेचने या गिरवी रखने से रोकने के लिए शीर्ष अदालत की शरण ली थी। और जैसा हमनें बताया शेयर विवाद को लेकर अदालत ने कहा है कि दोनों पक्ष मिलकर ख़ुद ही इसका निपटारा करें।

Exit mobile version