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Future-Reliance डील में दिल्ली हाईकोर्ट ने दी किशोर बियानी को राहत; इस बार Amazon को मिला नोटिस

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Future Group, Reliance Industries और Amazon के बीच चल रहे रिटेल बिज़नेस से जुड़ा विवाद हर बार नए मोड़ लेता नज़र आ रहा है। और अब दिल्ली हाईकोर्ट ने 18 मार्च को अपनी ही अदालत में सिंगल जज बेंच के आदेश पर ‘रोक’ लगाने का फ़रमान जारी किया है।

जी हाँ! 18 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने एक आदेश देते हुए Future Retail और Reliance Industries के बीच हुए ₹24,713 करोड़ के अधिग्रहण संबंधित सौदे पर रोक लगा दी थी।

इसके साथ ही 18 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने Future Group के मालिक किशोर बियानी की संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया था। और साथ ही किशोर बियानी समेत कंपनी से जुड़े अन्य लोगों को 28 अप्रैल को कोर्ट के सामने पेश होने के आदेश भी दिए थे।

लेकिन अब मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की डिवीज़नल बेंच ने इस सौदे पर सिंगल जज के फ़ैसले पर रोक लगा दी है और साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट की इस बेंच ने बियानी की संपत्ति जब्त करने और उन सभी के 28 अप्रैल को अदालत में पेश होने से संबंधित आदेश को भी रोक दिया है।

इतना ही नहीं बल्कि दिलचस्प ये है कि दिल्ली हाईकोर्ट की इस नई डिवीज़नल बेंच ने अब Amazon को एक नोटिस जारी किया है।

इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख़ दी है।

इसके पहले 18 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने Future Retail को निर्देश दिया था कि वह इस सौदे को लेकर आगे कोई भी क़दम ना बढ़ाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी माना था कि कंपनी ने सिंगापुर के नियामक के आदेश का उल्लंघन किया है।

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साथ ही Future Group और कंपनी के डायरेक्टर्स को अदालत की ओर से पीएम राहत कोष में ₹20 लाख रुपये जमा करने का भी निर्देश दिया गया था, जिसका इस्तेमाल बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करने में किया जाना था।

और तो और तब दिल्ली हाईकोर्ट ने इन तमाम लोगों को एक शो-कॉज़-नोटिस देते हुए ये पूछा था कि आपातकाल रूप से किसी नियामक द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन करने के लिए उन्हें सिविल जेल में 3 महीने तक की हिरासत में क्यों ना रखा जाए?

लेकिन इसके बाद Future Group और Future Coupons की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीज़नल जज की बेंच ने ये फ़ैसला सुनाया है। और Amazon को भी नोटिस जारी की है।

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