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दिल्ली हाईकोर्ट ने नई आईटी गाइडलाइंस को चुनौती देने के मामले में जारी किया नोटिस

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दिल्ली हाईकोर्ट ने ने मंगलवार को हाल ही में जारी हुए नए आईटी नियम, 2021 (डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता के नियमों) को चुनौती देने के मामले में एक नोटिस जारी किया है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने ‘फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट’ (Foundation for Independent Journalist) नामक एक ट्रस्ट, The News Minute के संस्थापक और सम्पादक ‘धन्या राजेंद्रन’, The Wire के संस्थापक सदस्य ‘एमके वेणु’ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ऐसा किया।

आपको बता दें फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट नामक ये ट्रस्ट असल में ‘The Wire’ पर मालिकाना हक़ रखता है। वहीं अदालत ने इस मामले में पक्षों की विस्तृत सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख़ सुनिश्चित की है।

बता दें फरवरी में सरकार ने Facebook, Twitter और Google जैसी सोशल मीडिया कंपनियों के साथ ही साथ डिजिटल मीडिया को लेकर भी नए नियम/गाइडलाइंस पेश की थीं।

असल में इन नए नियमों के तहत सरकार ने डिजिटल समाचार प्लेटफार्मों और ओटीटी प्लेटफ़ॉर्मों पर सरकारी नियंत्रण लगाने के कुछ प्रावधान भी शामिल किए हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट में नए आईटी नियमों पर दलील

वरिष्ठ वकील नित्या रामाकृष्णन ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश होते हुए ये दलील दी कि

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“सुप्रीम कोर्ट द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66A को ग़ैर-क़ानूनी बताते हुए हटाने के बाद भी, जिसमें कंटेंट को रेगुलेट करने के कुछ समान प्रावधान थे, केंद्र सरकार ने अब इन नियमों को अप्रत्यक्ष रूप से लाकर वो करने की कोशिश की है, जो वो प्रत्यक्ष रूप से नहीं कर पा रही थीं।”

उन्होंने तर्क दिया कि नए नियम “लोकतंत्र की अवधारणा” से परे हैं। साफ़ कर दें कि याचिकाकर्ताओं ने आईटी नियम, 2021 में केवल डिजिटल समाचार पोर्टलों को प्रभावित करने वाले नियमों को चुनौती दी है।

इसका मतलब साफ़ है कि उन्होंने ऑनलाइन कंटेंट क्यूरेट करने के नियमों में ओटीटी प्लेटफॉर्म या किसी अन्य संस्थाओं को प्रभावित करने वाले नियमों को लेकर कोई माँग नहीं की है।

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