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सुप्रीम कोर्ट नहीं करेगा WhatsApp Group का इस्तेमाल; नहीं शेयर किए जाएँगें ऑनलाइन सुनवाई के लिंक्स

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WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी विवाद के बाद अब भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है। और इसके साथ ही WhatsApp की मुश्किलें बढ़ती दिखने लगी हैं। नए मामले में अब देश की शीर्ष अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साफ़ कर दिया है कि अब अदालत की सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस लिंक शेयर करने के लिए WhatsApp Group का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

असल में इसको लेकर जारी एक सर्कुलर में बताया गया है कि अब WhatsApp Group के बजाए ऑनलाइन सुनवाई के लिए लिंक को रजिस्टर्ड ईमेल आईडी या संबंधित अधिवक्ताओं-ऑन-रिकॉर्ड और व्यक्तियों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर शेयर किया जाएगा।

ये क़दम असल में सरकार द्वारा जारी नए Information Technology (Guidelines for intermediaries and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 (IT Rules, 2021) को मद्देनजर रखते हुए उठाया गया है।

Supreme Court on WhatsApp Group

इसी संबंध में अब कहा गया है कि

“एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड / पार्टी-इन-पर्सन्स की जानकारी के लिए यह सूचित किया जाता है कि WhatsApp ग्रुप द्वारा ऑनलाइन वीडियो सुनवाई लिंक शेयर करने को सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों या नियमों के कारण प्रतिबंधित किया जाता है है।”

साथ ही ये भी बताया गया है कि लिंक को 1 मार्च, 2021 से एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड / पार्टी-इन-पर्सन्स को रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी के माध्यम से या रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर SMS द्वारा शेयर किया जाएगा।

आपको याद दिला दें कि सरकार ने कुछ ही दिनों पहले Facebook, Twitter आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों व OTT ऐप्स को लेकर नए और व्यापक नियमों की घोषणा की है।

ख़ास ये है कि इन दिशानिर्देश में एक ऐसा नियम भी शामिल है, जिसके अनुसार Twitter और WhatsApp जैसे प्लेटफ़ॉर्मों को कुछ चुनिंदा परिस्थितियों में सरकार को किसी मैसेज या पोस्ट के बारे में कुछ जानकारियाँ देनी होंगी, जैसे कि सबसे पहले वो पोस्ट कहाँ से और किसने किया आदि।

भारत सरकार स्वदेशी मैसेजिंग ऐप को देगी बढ़ावा

इसके पहले ये भी बात सामने आई है सरकार ने एक स्वदेशी ऐप Sandes (संदेश) को बढ़ावा देने का मन बनाया है। और रिपोर्ट के मुताबिक़ टेस्टिंग के तौर पर कुछ सरकारी अधिकारी इसका इस्तेमाल भी कर रहें हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में ये कहा गया है कि कुछ मंत्रालयों के अधिकारियों को पहले ही गवर्मेंट इंस्टैंट मेसेजिंग सिस्टम (GIMS) का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है ताकि इसके फ़ीचर और सुविधाओं की टेस्टिंग की जा सके।

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आप GIMS.gov.in की वेबसाइट पर इस Sandes ऐप का Logo देख सकते हैं, जिसमें आपको आशोक चक्र नज़र आएगा, और इसमें शामिल तीन परतों पर आपको तिरंगा बनता प्रतीत होगा।

वेबसाइट पर आपको अपना अकाउंट बनाने का भी विकल्प अभी नहीं दिया गया है। वहीं ख़बरें यह भी हैं कि ये Sandes App असल में Android और iOS दोनों ही उपयोगकर्ताओं के लिए पेश किया जाएगा, जिसमें वॉयस चैट और मीडिया व डेटा सपोर्ट जैसे फ़ीचर्स भी मौजूद होंगें।

बता दें कि इसे ऐप को नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर द्वारा संचालित किया जाएगा, जो असल में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नॉलजी मंत्रालय (MeitY) के अंदर है।

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