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पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ने पर Zomato ने बढ़ाई डिलीवरी पार्टनर्स की सैलरी

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भारतीय फ़ूड डिलीवरी यूनिकॉर्न (जिसकी वैल्यूएशन $1 बिलियन से अधिक हो!), Zomato ने देश में बढ़ते पेट्रोल और डीज़ल के दामों के चलते एक बड़ा फ़ैसला किया है। कंपनी ने अपने डिलीवरी पार्टनर्स (Delivery Partners) की सैलरी बढ़ा दी है, जिससे उन पर बढ़ी क़ीमतों का बोझ कम हो सके।

आप सब जानते ही होंगें कि देश में पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतें पिछले 10-15 दिनों से लगातार बढ़ रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहाँ पेट्रोल की कीमत ₹90.93 तक हो गई है वहीं डीजल भी ज़्यादा पीछे ना रहते हुए ₹81.32 में बिक रहा है।

वहीं देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में मुंबई में पेट्रोल की क़ीमत ₹97.34 है, जबकि डीजल की कीमत ₹88.44 तक पहुँच गई है।

इन्हीं क़ीमतों को देखते हुए Zomato ने कहा है कि दिन भर में 100-200 किलोमीटर ट्रैवल करने वाले इसके डिलीवरी पार्टनर्स को हर महीने क़रीब ₹800 से अधिक खर्च बढ़ रहा है।

और इसको ही देखते हुए जहाँ एक ओर कंपनी ने डिलीवरी पार्टनर्स (Delivery Partners) की सैलरी बढ़ाई हैं वहीं अब अपने सामान्य क्षेत्र से बहुत दूर जाकर डिलीवरी पहुँचाने वाले डिलीवरी पार्टनर्स को कंपनी अब से अतिरिक्त ’रिटर्न ट्रैवल’ शुल्क भी दिया करेगी।

असल में इसको लेकर Zomato के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर मोहित सरदाना ने कहा;

“हम समझते हैं कि पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में हो रही वृद्धि डिलीवरी पार्टनर्स (Delivery Partners) की कमाई पर सीधा प्रभाव डाल रही हैं, और इसलिए हमनें उनके वेतन को बढ़ाने का फ़ैसल किया है। हमारे फ़ैसलों के आधार पर कुल तौर पर उनकी आय में 7-8% की वृद्धि होगी। हमने फ़िलहाल क़रीब 40 शहरों में इस वृद्धि को लागू किया है और आने वाले हफ़्तों में इसको अन्य बचे शहरों में भी लागू कर दिया जाएगा।”

इस बीच कंपनी ने ये भी साफ़ किया है कि ये वृद्धि की राशि कोई निश्चित राशि नहीं होगी, बल्कि अलग अलग शहरों में वहाँ की बढ़ी पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों के आधार पर इस वृद्धि के अनुपात को तय किया जाएगा।

Zomato Delivery Partners की Salary Hike पर राय?

ज़ाहिर है भले कंपनी ने अपने डिलीवरी पार्टनर्स (Delivery Partners) को राहत पहुँचाने के लिए इस क़दम को उठाया हो, लेकिन सामने आई कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार कई डिलीवरी पार्टनर्स का मानना है कि ये वृद्धि संभवतः पर्याप्त नहीं है और कंपनी को इसको और बढ़ाना चाहिए।

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आपको बता दें फ़िलहाल देश में ऐसे डिलीवरी पार्टनर्स (Delivery Partners) आदि को गिग वर्कर्स (Gig Workers) की श्रेणी में परिभाषित किया जाता है। और इस लिहाज़ से देश की गिग इकॉनमी में Zomato और इसका प्रतिद्वंद्वी Swiggy अहम हिस्सेदारी रखते हैं, क्योंकि ये देश में हज़ारों डिलीवरी पार्टनर्स को रोज़गार दे रहे हैं।

नवंबर 2020 से गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, Zomato अकेले 200,000 से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स को नियुक्त करता है, और भारत में कंपनी के कुल राजस्व का 75% हिस्सा फ़ूड डिलीवरी से ही आता है।

वहीं साल 2008 में स्थापित किया गया Zomato, ख़बरों के मुताबिक़ फ़िलहाल इस साल यानि 2021 के अंत तक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) दायर करने की तैयारी में है।

कुछ ही दिनों पहले ही कंपनी ने नए निवेश दौर में $250 मिलियन जुटाए थे, जिसके चलते इस कंपनी की वैल्यूएशन $3.6 बिलियन बढ़कर $5.4 बिलियन हो गई बतायी जाती है।

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