भारत बीते कुछ सालों से अंतरिक्ष क्षेत्र में काफ़ी आक्रामकता के साथ आगे बढ़ रहा है और साथ ही इसको और मज़बूती देने के लिए देश के इस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को भी तेज़ी से बढ़ावा दिया जाने लगा है। लेकिन इन सब के बीच अब देश के प्रतिष्ठित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साल 2021 के पहले मिशन को लेकर ख़बरें सामने आई हैं।
जी हाँ! भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो 28 फरवरी को ब्राजील के सैटेलाइट Amazonia-1 और और तीन भारतीय सैटेलाइट/पेलोड को लॉन्च करने की योजना बनाई है।
दिलचस्प ये है कि ये तीन भारतीय सैटेलाइट असल में भारत के ही स्टार्टअप्स द्वारा विकसित की गई हैं। आपको बता दें इन सभी को चेन्नई से 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) C-51 पर 28 फ़रवरी को सुबह 10.24 बजे लॉन्च किया जाना है।
असल में अंतरिक्ष विभाग में सचिव और बेंगलुरु आधारित इसरो (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवन ने ख़ुद शुक्रवार को PSLV-C51 के इस लॉन्च की घोषणा की है।
Amazonia-1 कथित तौर पर पहला “अर्थ ऑब्ज़र्वेशन सैटेलाइट” है जो पूरी तरह से ब्राजील द्वारा विकसित किया गया है। इसको इस मिशन का प्राथमिक पेलोड भी कहा जा रहा है।
लेकिन इसके साथ ही ‘Anand‘, ‘Satish Dhawan Satellite‘ और ‘UNITYsat‘ नामक भारतीय सैटेलाइटों को भी अंतरिक्ष में रवाना किया जाएगा।
आपको बता दें ‘Anand’ को असल में भारतीय स्टार्टअप Pixxel और ‘Satish Dhawan Satellite’ को चेन्नई आधारित Space Kidz India द्वारा बनाया गया है।
वहीं UNITYsat असल में तीन सैटेलाइटों से मिलकर बना है, जिसको Jeppiaar Institute of Technology, Sriperumpudur (JITsat), G. H. Raisoni College of Engineering, Nagpur (GHRCEsat) और Sri Shakthi Institute of Engineering and Technology, Coimbatore (Sri Shakthi Sat) ने मिलकर डिज़ाइन किया और बनाया है।
क्यों ये मिशन है ISRO के लिए अहम?
इस बीच इसरो के एक अधिकारी के अनुसार;
“ये मिशन इसलिए भी ख़ास है क्योंकि PSLV-C51 के साथ ISRO अपने PSLV रॉकेट पर देश के पहले कमर्शियल निजी रिमोट-सेंसिंग सैटेलाइट (Anand) को लॉन्च करेगा।”
इस बीच इसरो प्रमुख के. सिवन ने पहले आगामी मिशन को देश के लिए बेहद अहम बताते हुए इसको “अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के नए युग” की शुरुआत कहा।
इस बीच बेंगलुरु आधारित Pixxel का कहना है कि कंपनी 2023 तक 30 उपग्रहों को अंतरिक्ष में तैनात करने की योजना बना रही है।
इस बीच Space Kidz India ने अपने सैटेलाइट Satish Dhawan Satellite (SD SAT) का नाम ISRO के पूर्व अध्यक्ष सतीश धवन जी के नाम पर रखा है। इसका मक़सद असल में अंतरिक्ष विकिरण और मैग्नेटोस्फीयर का अध्ययन करना है और स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित नैनोसैटेलाइट घटकों का प्रदर्शन करना है।