नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ अमिताभ कांत ने बुधवार को ये जानकारी दी कि साल 2021 जनवरी के महीने में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के माध्यम से क़रीब ₹4.3 ट्रिलियन (₹4,31,181 करोड़) के 2.3 बिलियन से अधिक लेनदेन दर्ज किए गए हैं।
दरसल ख़ास ये है कि उन्होंने साथ ही ये भी बताया है कि UPI का लेनदेन मूल्य में जहाँ 76.5% प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, वहीं सिर्फ़ लेनदेन मूल्य में लगभग 100% तक की उछाल नज़र आयी।
असल में नीति आयोग के सीईओ, अमिताभ कांत ने एक ट्वीट के ज़रिए लिखा कि;
“अभूतपूर्व! जनवरी 2021 में UPI ने क़रीब ₹4.3 ट्रिलियन (₹4,31,181 करोड़) मूल्य के 2.3 बिलियन लेनदेन दर्ज किए। सलाना आधार पर, यूपीआई लेनदेन मूल्य 76.5% बढ़ा है वहीं लेनदेन मूल्य लगभग 100% तक बढ़ गया है। UPI को 1 बिलियन/माह लेनदेन का आँकड़ा छूने में 3 साल का वक़्त लग गया था। लेकिन ये सिर्फ़ एक साल से भी कम समय में 2 बिलियन/माह हो गया।”
Phenomenal ! UPI recorded 2.3 billion transactions worth ₹ 4.3 trillion in Jan 2021. On a YOY basis, UPIs transaction value jumped 76.5 % while transaction value jumped nearly 100%. Took UPI 3 years to cross 1 billion transactions a month. Next billion came in less than a year.
— Amitabh Kant (@amitabhk87) February 3, 2021
आपको बता दें National Payments Corporation of India (NPCI) ने भी इन आँकड़ो पर मोहर लगाते हुए कुछ जानकरियाँ साझा की हैं।
UPI पेमेंट के पिछले आँकड़ो पर एक नज़र
असल में जनवरी 2021 के इन आँकड़ो की तुलना अगर दिसंबर 2020 के UPI के आँकड़ो से करें तो वॉल्यूम (यानि कुल लेनदेन) में 3% की बढ़ोतरी हुई है वहीं लेनदेन के मूल्य में क़रीब 3.6% की बढ़त दर्ज की गई है।
इस बीच अब तक NPCI द्वारा जनवरी 2021 में हुए UPI लेनदेन में ऐप्स की बाज़ार हिस्सेदारी को लेकर कोई आँकड़ा पेश नहीं किया गया है।
लेकिन आपको बता दें PhonePe दिसंबर 2020 में UPI लेनदेन की संख्या के मामले में सबसे अधिक बाज़ार हिस्सेदारी हासिल करने में कामयाब रहा था और इसने अपने कड़े प्रतिद्वंदी Google Pay को टॉप स्थान से हटा दिया था।
PhonePe ने दिसंबर 2020 में ₹182,126.88 करोड़ के 902.03 मिलियन लेनदेन दर्ज किए थे, जबकि Google Pay ने 854.49 मिलियन लेनदेन दर्ज किए थे जिनका मूल्य क़रीब ₹176,199.33 करोड़ था।
आपको बता दें फ़िलहाल Walmart समर्थित PhonePe और Google Pay मिलकर भारत के UPI इकोसिस्टम में क़रीब 80% तक की बाज़ार हिस्सेदारी (मार्केट शेयर) रखते हैं। वहीं इनके अन्य प्रतिद्वंदी Paytm, Amazon Pay, BHIM आदि भी तेज़ी से इस क्षेत्र में बढ़ने के प्रयास कर रहे हैं।
और अब ये बाज़ार WhatsApp Pay के आने दे और भी दिलचस्प हो गया है क्योंकि भारत में WhatsApp के पास क़रीब 400 मिलियन से अधिक का उपयोगकर्ता आधार है। हालंकि हाल ही के Privacy Policy संबंधित विवाद के बाद WhatsApp को झटका ज़रूर लगा है और कई बैंक भी अब WhatsApp के साथ खुलकर साझेदारी करने को लेकर बचते नज़र आ रहे हैं।
इस बीच आपको बता दें UPI असल में एक सामान्य प्रणाली है जो एक मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों, बैंकिंग सुविधाओं, मर्चेंट भुगतानों आदि की पेशकश करती है। यह “पीयर टू पीयर” कलेक्शन रिक्वेस्ट को भी पूरा करता है, जो अपनी आवश्यकता और सुविधा अनुसार की जा सकती है।