WhatsApp ने हाल के दिनों में अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी का ऐलान करने के साथ ही एक बड़े विवाद को हवा दे दी है। और अब शायद कंपनी को भी इसका एहसास हो गया है, क्योंकि इसके सबसे बड़े बाज़ार यानि भारत में इन नई पॉलिसी का जमकर चौतरफ़ा विरोध शुरू हो चुका है।
विवाद के स्तर का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि तमाम लोग तेज़ी से WhatsApp का बहिष्कार कर Singal और Telegram जैसे विकल्पों का रूख कर रहें हैं।
और इसी को देखते हुए अब WhatsApp ने अपनी इस प्राइवेसी पॉलिसी को रोल आउट करने में देरी करने का फैसला किया है, और अब इसको कंपनी 15 मई को पेश करती नज़र आएगी।
दरसल 2014 के पहले तक को WhatsApp एक स्वतंत्र प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम कर रहा था, लेकिन Facebook द्वारा अधिग्रहण के बाद से ही लगातार Facebook इससे कमाई के विकल्प तलाश रहा है।
और अब इसी कड़ी में Facebook का इरादा इस लोकप्रिय मैसेजिंग सेवा से प्राप्त तमाम डेटा को अपने मुख्य ऐप में स्थानांतरित कर उपयोग करने का है, जिससे वह और भी टार्गेटेड विज्ञापन चला सके।
और इसी को लेकर इसने नई पॉलिसी को रोल आउट करने का मन बनाया था, लेकिन इसने सबसे ज़्यादा तूल तब पकड़ा जब WhatsApp ने यह भी कहा कि 8 फ़रवरी तक इस पॉलिसी पर Agree ना होने वाले उपयोगकर्ता ऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगें।
इस बीच कंपनी ने Facebook के साथ निजी डेटा शेयर करने को गलतफहमी बताते हुए, उपयोगकर्ताओं को किसी बहकावे में ना आने को कहा है।
इस बीच प्लेटफ़ॉर्म का कहना है कि ये पॉलिसी सिर्फ़ उन डेटा से संबंधित है जो बिज़नेस चैट में भेजे गए डेटा से संबंधित है, जिसका अर्थ है कि कोई भी निजी चैट अभी भी पूरी तरह से छिपी रहेगी, और WhatsApp और Facebook में एन्क्रिप्शन को समाप्त नहीं किया जा रहा है।
इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि अगर आप बिज़नेस अकाउंट से चैट करते हैं तो बिज़नेस आपके डेटा को स्वचालित रूप से प्राप्त करते हैं, और इसका उपयोग कभी-कभी Facebook पर भी विज्ञापनों की सेवा के लिए कर सकते हैं।
लेकिन इन तमाम सफ़ाई के बाद भी WhatsApp का बहिष्कार बढ़ता देख अब आख़िरकार कंपनी ने फ़ैसल किया है कि 8 फरवरी की बजाए ये 15 मई को इन नई पॉलिसी को पेश करेगी।
WhatsApp ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा:
“हम पहले बतायी गई तारीख़ को टाल रहे हैं। 8 फरवरी को किसी के भी अकाउंट को बंद नहीं किया जाएगा। इस बीच हम WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी के ख़िलाफ़ फ़ैले भ्रमों को दूर करेंगें। इसके बाद ही 15 मई को नए विकल्प उपलब्ध होने से पहले हम धीरे-धीरे लोगों के बीच वापस इस पॉलिसी को पेश करने का काम करेंगें।”
इस बीच कंपनी के अनुसार इस बीच वह अफ़वाहों को ख़त्म करने के लिए कई तरह से प्रयास करेगी ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुँचाई जा सके।
ज़ाहिर है इस नयी पॉलिसी के ऐलान के बाद से ही WhatsApp बतौर मैसेजिंग सेवा लोगों का विश्वास खो रही है, और इसको अपने उपयोगकर्ता आधार को लेकर काफ़ी नुकसान हो रहा है।