आज ईटी में प्रकाशित एक रिपोर्ट में राजस्व विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि आयकर विभाग अब फ़ूड डिलीवरी कंपनी Swiggy और Flipkart Group की सहायक कंपनी Instakart की आय को छुपाने के मामले में जाँच शुरू हो गई है।
दरसल Directorate General of GST Intelligence (DGGI) द्वारा की गई जांच के अनुसार इन कंपनियों पर माल व सेवा आदि को लेकर GST को लेकर हुए चालान में फर्जी फर्मों के साथ मिलकर कंपनियों को शामिल करना आदि शामिल है।
इस बीच ज़ाहिर तौर पर दोनों कंपनियों ने अपने ऊपर लगे आरोपो से इनकार किया है। आपको बता दें आयकर अधिकारी बुधवार से ही Instakart और Swiggy के ऑफ़िसों आदि की तलाशी ले रहे हैं।
इस बीच Flipkart के दो शीर्ष अधिकारियों, मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन और टैक्सेशन प्रमुख प्रमोद जैन, दोनों ने DGGI द्वारा जारी जांच में 7 जनवरी को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है। बता दें कोर्ट इस मामले की सुनवाई 13 जनवरी को करेगा।
इस बीच Flipkart ने कहा है कि कंपनी किसी भी आरोप से इनकार करती है। साथ ही Swiggy ने कहा कि गलत तरह से क्रेडिट के आरोप झूठे और निराधार हैं।
इस बीच रिपोर्ट के अनुसार राजस्व अधिकारियों ने कहा है कि आयकर विभाग भी जांच में शामिल हो गया है क्योंकि नकली GST क्लेम आदि को लेकर भी मामले सामने आएँ हैं।
दरसल चल रही जाँच में कंपनियों द्वारा दो विक्रेताओं- मर्लिन फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड (MFPL), और सूर्या टीम मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (STMPL) को किए गए भुगतानों की सत्यता की जाँच की जा रही है। इन विक्रेताओं ने कंपनियों को कर्मचारियों की आपूर्ति की थी।
दरसल राजस्व अधिकारियों के अनुसार Instakart ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को लेकर MFPL और STMPL के नकली चालान पर 21 करोड़ रुपये का लाभ उठाया।
इस बीच Swiggy ने इन आरोपों का खंडन किया कि इसने किसी काल्पनिक इकाई है और नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने का काम किया है।
इस बीच ईटी की रिपोर्ट के अनुसार GST के सर्वेक्षण में नवंबर 2019 में ही GST इंटेलिजेंस विंग द्वारा Greenfinch के ज़रिए GST का भुगतान न करने के कारण जांच शुरू की गई थी।
इस बीच बताया यह भी जा रहा है कि Swiggy ने अधिकारियों को सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों मुहैया करवा कर जाँच में अब तक सहयोग बनाया हुआ है।